कोविड-19 की वजह होने वाली मानसिक परेशानियों से ऐसे निपटें, साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान

क्वारंटाइन के दौरान अकेलेपन की वजह से कुछ लोगों को बहुत उदासी महसूस होती है जिसकी वजह से कुछ लोगों में डिप्रेशन के लक्षण नजर आते हैं। अतः इस समस्या से बचने के लिए इन चीज़ों का लें मदद।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:31 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 08:31 AM (IST)
कोविड-19 की वजह होने वाली मानसिक परेशानियों से ऐसे निपटें, साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान
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कोविड-19 संक्रमण की वजह से आजकल लोगों में एंग्ज़ाइटी, पोस्ट ट्रैमेटिक डिसॉर्डर और डिप्रेशन जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। उनके मन में इस बात का डर रहता है कि कहीं मेरी वजह से मेरे परिवार वाले संक्रमित न हो जाएं, कहीं मुझे दोबारा संक्रमण न हो जाए, बीमारी की वजह से लोग मेरे साथ बुरा व्यवहार करंगे...ऐसी बातें सोचकर संक्रमित व्यक्ति मानसिक रूप से हमेशा तनावग्रस्त रहता है, जिससे उसमें एंग्ज़ाइटी या पोस्ट ट्रैमेटिक डिसॉर्डर जैसी समस्याओं की आंशंका बढ़ जाती है। अतः इस समस्या से पीड़ित लोगों और उनके परिजनों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। इसके अलावा क्वारंटाइन के दौरान अकेलेपन की वजह से कुछ लोगों को बहुत उदासी महसूस होती है, जिसकी वजह से कुछ लोगों में डिप्रेशन के लक्षण नजर आते हैं। अतः इस समस्या से बचने के लिए फोन पर अपनों से संपर्क बनाए रखें, अच्छी किताबें पढ़ें और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनपसंद फिल्में देखें। किसी भी बीमारी के बाद सकारात्मक सोच और मजबूत इच्छा-शक्ति वाले लोगों की सेहत में तेजी से सुधार होता है, इसलिए संक्रमित होने के बाद बिना घबराए डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करें, इससे आप शीघ्र ही सक्रिय दिनचर्या में वापस लौट आएंगे।

आदतें जिनका पालन अभी भी है जरूरी 

1. घर से बाहर निकलने के बाद भी मास्क पहनने के साथ फिज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन जरूरी है।

2. कोविड- 19 संक्रमण दूर होन के बाद भी व्यक्ति को बहुत कमजोरी महसूस होती है, इसलिए अपनी क्षमता को पहचानते हुए धीरे-धीरे शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं।

3. परिवार के सदस्यों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे हॉस्पिटल से घर लौटने के बाद मरीज़ को आराम और भावनात्मक सहयोग दें।

4. कोरोना संक्रमण के बाद शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से व्यक्ति में किसी दूसरे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए रोजमर्रा के व्यवहार में स्वच्छता के नियमों का पालन जरूरी है।

5. अगर पहले से ही डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर या हृदय रोग जैसी समस्या हो तो इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह पर सभी दवाओँ का नियमित सेवन करें।

6. अगर व्यक्ति की आयु 60 साल से ज्यादा हो तो संक्रमण दूर होने के बाद भी व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने के लिए विटामिन सी युक्त खट्टे फलों आंवला, हल्दी, अदरक, लहसुन, बादाम, दही और शहद आदि का नियमित सेवन करें।

7. नियमित योगाभ्यास, खासतौर पर अनुलोम-विलोम से फेफड़े मजबूत होते हैं और इ्म्यूनिटी भी बढ़ती है।

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