Dietary Tips: एक्सपर्ट्स से जानें क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे बुज़ुर्गों की कैसी होनी चाहिए डाइट?

Dietary Tips सही डाइट क्या होगी यह आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। 60 साल के पुरुष की डाइट्री ज़रूरत एक 60 साल की महिला से बिल्कुल अलग होगी। इसमें और भी बदलाव आ जाते हैं जब आप कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हों।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:43 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:43 PM (IST)
Dietary Tips: एक्सपर्ट्स से जानें क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे बुज़ुर्गों की कैसी होनी चाहिए डाइट?
एक्सपर्ट्स से जानें क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे बुज़ुर्गों की कैसी होनी चाहिए डाइट?

नई दिल्ली, रूही परवेज़। Dietary Tips For Elderly: उम्र के साथ स्वस्थ रहने के लिए शरीर की ज़रूरतें भी बदलती हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे ही आपको अपने खाने-पीने में बदलाव करने पड़ते हैं, अब आप पहले जैसे कुछ भी नहीं खा सकते। सामान्य तौर पर आपको कुछ खाने की चीज़ों को कम करना होगा और कुछ का सेवन बढ़ाना होगा। सही डाइट क्या होगी यह आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। 60 साल के पुरुष की डाइट्री ज़रूरत एक 60 साल की महिला से बिल्कुल अलग होगी। इसमें और भी बदलाव आ जाते हैं, जब आप कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हों।

बुज़ुर्ग वयस्क डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, डिस्लिपिडेमिया और हृदय रोग जैसी क्रॉनिक कंडीशन से प्रभावित होते हैं। बुजुर्ग वयस्कों में मृत्यु के प्रमुख कारण ये क्रॉनिक बीमारियां हैं। क्रॉनिक बीमारियां व्यक्ति की अपनी दैनिक गतिविधियों को करने की क्षमता को सीमित कर देती हैं, जिससे उनकी स्वतंत्रता खो जाती है और परिणामस्वरूप देखभाल करने वालों, या अन्य दीर्घकालिक सेवाओं और समर्थन की आवश्यकता होती है।

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल्स की चीफ डाइटीशियन और इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन मुंबई चैप्टर की संयोजक डॉ. ज़मुर्रुद एम. पटेल ने ऐसे बुजुर्ग जो क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए कुछ टिप्स शेयर किए:

हाइपरटेंशन के लिए सहायक संकेत

• आप अपने खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए नींबू का रस, प्याज़, हरी मिर्च, विनेगर, इमली का पल्प और अमचूर पाउडर जैसे नए स्वाद जोड़ सकते हैं।

• खाना बनाते समय नमक के उपयोग से बचें लेकिन आप अपने खाने में चुटकी भर नमक का इस्तेमाल अलग से कर सकते हैं।

• नमक के अन्य विकल्पों के उपयोग से भी बचें। इनमें पोटेशियम होता है और यह आपके पोटेशियम के स्तर को बढ़ा सकता है।

• नमकीन खाद्य पदार्थ जैसे चीज़, नमकीन मक्खन, पापड़, अचार, चटनी, सॉस, नमकीन नट्स, नमकीन चिप्स, पॉपकॉर्न और अन्य डिब्बाबंद उत्पाद, नूडल्स, मैकरोनी, सूप क्यूब्स और कॉर्नफ्लेक्स, केक, बिस्किट, पिज़्ज़ा, ब्रेड जैसे इंस्टेंट खाद्य पदार्थों से बचें। इनमें बेकिंग पाउडर के रूप में सोडियम होता है।

• दवा के सोडियम कॉन्टेंट की जांच करें; यह आपके सोडियम सेवन में योगदान कर सकता है।

डायबिटीज़ के लिए उपयोगी संकेत

• हर 2-3 घंटे में छोटे-छोटे मील्स लें। इसमें भोजन का समय महत्वपूर्ण है।

• चीनी, गुड़ और शहद के रूप में साधारण शुगर से बचें।

• ब्रेड, खारी, टोस्ट, बिस्किट जैसे मैदा उत्पादों से बचें क्योंकि वे ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं।

• सेब, नींबू, संतरा, नाशपाती, पपीता, खरबूज़ा, अमरूद और अनार जैसे साबुत फलों को प्राथमिकता दें। केला, चीकू, शरीफा, आम, अंगूर और तरबूज़ से दूर रहें। फलों के जूस से परहेज़ करें क्योंकि इनमें फाइबर की कमी होती है।

• होल ग्रेन अनाज, कच्चे सलाद, साबुत फल और सब्ज़ियां जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को प्राथमिकता दें क्योंकि वे फाइबर से भरपूर होते हैं और उनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

डिस्लिपिडेमिया और हृदय रोगों के लिए सहायक संकेत

• प्रतिदिन 3-4 चम्मच से अधिक तेल या घी का सेवन न करें। ऑलिव ऑइल, राइस ब्रैन ऑइल या ग्राउंडनट ऑइल चुनें। अपने आहार में ट्रान्स फैट को कम करने के लिए आंशिक रूप से हाइड्रोजीनेटेड वेजिटेबल ऑयल वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

• अखरोट और बादाम जैसे नट्स का सीमित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।

• तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे फरसान, समृद्ध मलाईदार मिठाई, कोला ड्रिंक्स और जंक फूड, अचार, पापड़, प्रिज़र्व्ड जैम और सॉस जैसे पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से बचें।

• प्रतिदिन 30-45 मिनट व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। व्यायाम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से ज़रूर संपर्क करें।

• बिना स्किन का लीन मीट और पोल्ट्री चुनें और उन्हें बिना ऐडेड सैचुरेटेड और ट्रांस फैट के तैयार करें। ऑर्गन मीट, शेल फिश और रेड मीट से बचें। लेबल को ध्यान से पढ़ें - पोषण संबंधी तथ्य आपको पोषक तत्व की मात्रा बताएंगे।

मसीना हॉस्पिटल में क्लिनिकल डायटीशियन डॉ. अनम गोलंदाज़ ने हेल्थ टिप्स शेयर करते हुए बताया:

• जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी कैलोरी की ज़रूरतें कम होती जाती हैं, जबकि पोषक तत्वों की ज़रूरतें वैसी ही रहती हैं या बढ़ जाती हैं। पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से आपको आवश्यक विटामिन, मिनेरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट्स प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

• एक बार हम जीतना खाते हैं या पीते हैं उसे पोर्शन कहा जाता है। हम जो कुछ खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं, अगर इसका ध्यान रखा जाए, तो स्वस्थ रहा जा सकता है।

• होल-ग्रेन ब्रेड और अनाज, बीन्स, अनसॉल्टेड नट्स और सीड्स, हरी सब्ज़ियां और फल जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ ही चुनें।

• फल, सब्जियां, होल-ग्रेन, स्किम्ड और लो-फैट वाले डेयरी उत्पाद और लो-फैट मांस और मांस के विकल्प दिल के स्वास्थ्य को अच्छा रखते हैं।

• कम फैट्स, अतिरिक्त शुगर और सोडियम वाली चीज़ों के लेबल पढ़कर ही खरीदें।

• सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से पानी पिएं।

• ऐसी शारीरिक गतिविधियों को चुनें जिन्हें आप पसंद करते हैं। जिन्हें आप अकेले या फिर किसी ग्रुप के साथ कर सकें।

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