हार्ट पेशेंट्स लाइफस्टाइल में इन बदलावों से रख सकते हैं कोरोना काल में खुद को सुरक्षित
कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 10 दिनों में एक लाख से आंकड़ा बढ़कर दो लाख हो गया। ऐसे में किसी भी बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को एतिहात बरतने की खास जरूरत है।
कोरोना का प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों के साथ हार्ट पर भी अटैक कर रहा है। कोरोना से फेफड़े और ह्दय बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पहले जहां यह वायरस ज्यादा उम्र के साथ बीमार व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले रहा था वहीं अब ये नौजवानों और बच्चों को भी नहीं बख्श रहा है। एक तरफ जहां ज्यादातर मामलों में सामान्य लोगों को कोरोना संक्रमण के चलते खांसी, तेज बुखार आना और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं। वहीं, हार्ट पेशेंट्स में सीने में भारीपन, दर्द, सांस फूलना जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
इन लक्ष्ण पर दें ध्यान
कोरोना के इतनी भयावह स्थिति में हृदय रोगियों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द और बुखार के अलावा कुछ और भी लक्षण हैं, जो नजर आते ही तुरंत चेकअप और डॉक्टर से सलाह लें।
छाती में लगातार दर्द या दबाव
ऑक्सीजन के स्तर में कमी
सांस लेने में तकलीफ
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
- किसी भी तरह की फिजिकली एक्टिविटिज जरूर करें। फिर चाहे वो सीढ़िया चढ़ना-उतरना हो या फिर घर में ही वॉक करना।
- बॉडी और स्ट्रेंथ क देखते हुए योग और प्राणायाम को रूटीन का हिस्सा बनाएं।
- किसी भी एक टाइम वर्कआउट जरूर करें। रिसर्च में भी ये बात सामने आई है कि एक्सरसाइज करते रहने वालों पर कोरोना का अटैक नहीं होता।
कोरोना से बचे रहना है, तो एक्सरसाइज करते रहना है जरूरी
- लॉकडाउन में भी अपना रूटीन सेट रखें। सोने-उठने से लेकर काम करने और खाने-पीने का समय निर्धारित रखें।
- खुद के साथ बॉडी को भी रिलैक्स करने के लिए पूरी नींद लें।
- जो दवाइयां चल रही हैं उन्हें लेते रहें।
- डाइट में जरूरी बदलाव करें जैसे- बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, शुगर वाली चीज़ों के साथ ही एल्कोहल से भी दूर रहें।
- स्मोकिंग करते हैं तो उसे भी छोड़ दें क्योंकि इससे फेफड़ें कमजोर होेते हैं।
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