Heart Disease : हरियाली के आसपास रहेंगे तो दिल के रोगों का ख़तरा रहेगा कम, रिसर्च

Heart Disease हरियाली के क्षेत्रों में दिल की बीमारियों और स्ट्रॉक का खतरा कम होता है। अध्ययन में पाया गया है कि ज्यादा हरियाली वाले क्षेत्रों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां कम हरियाली वाले क्षेत्रों की तुलना में 16 प्रतिशत कम होती हैं।

By Shahina NoorEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 04:36 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 04:36 PM (IST)
Heart Disease : हरियाली के आसपास रहेंगे तो दिल के रोगों का ख़तरा रहेगा कम, रिसर्च
हरियाली में रहने से कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा कम होता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दूर से दूर तक हरियाली ना सिर्फ आंखों को सुकून देती, बल्कि दिल की सेहत का भी ख्याल रखती है। अगर आप हरियाली के नज़दीक पेड़-पौधे के साथ वक्त गुज़ारते हैं तो आपके दिल की सेहत अच्छी रहती है, यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की 2021 की बैठक में प्रस्तुत अध्ययन में यह बात सामने आई है जो लोग हरीयाली में रहते है उन्हें दिल के रोग और स्ट्रॉक होने का खतरा कम होता है।

हरियाली में दिल की बीमारियों का खतरा कम:

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी में यह शोध किया गया है जिसके प्रमुख शोधकर्ता विलियम एटकेन है। विलियम ने कहा कि जिस क्षेत्र में हरियाली ज्यादा होती है वो क्षेत्र दिल की बीमारियों और स्ट्रॉक के खतरे को कम करते है। अध्ययन में पाया गया है कि ज्यादा हरियाली वाले क्षेत्रों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां कम हरियाली वाले क्षेत्रों की तुलना में 16 प्रतिशत कम होती हैं। शोधकर्ता एटकेन ने कहा कि पर्यावरण का दिल पर प्रभाव इतना ज्यादा पढ़ता है इसका खुलासा कम समय में ही हो गया यह हम लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन को प्रमाणित करने के लिए अध्ययन में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 2,43,558 लोगों को शामिल किया गया था जो 2011 से 2016 तक मियामी के एक ही क्षेत्र में रहते थे।

हरियाली में रहने से कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा कम:

पांच साल के अध्ययन के दौरान दिल का दौरा, आलिंद फिब्रिलेशन, दिल की विफलता, इस्केमिक हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी हृदय स्थितियों को नोट करने के लिए मेडिकेयर रिकॉर्ड का उपयोग किया गया था।

पृथ्वी की सतह से परावर्तित दृश्य और अदृश्य सूर्य के प्रकाश की मात्रा का आकलन करने के लिए उपग्रह छवियों का उपयोग किया गया था। अध्ययन में प्रतिभागियों को इस आधार पर वर्गीकृत किया गया था कि वे 2011 में निम्न, मध्यम या उच्च हरियाली वाले ब्लॉकों में रहते थे। 2016 में उन्हीं निवासियों और उनके ब्लॉक की हरियाली के लिए प्रक्रिया को दोहराया गया था। टीम ने ब्लॉक-स्तरीय हरियाली के आधार पर दिल की बीमारियों के विकास और नई हृदय स्थितियों की संख्या का विश्लेषण किया।

अध्ययन के निष्कर्षों के मुताबिक कम हरियाली वाले क्षेत्रों के मुकाबले हरियाली वाले क्षेत्रों के लोगों में 4 प्रतिशत कम दिल की नई बीमारियां विकसित हुई। 

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