Delta Plus Variant: डेल्टा वेरिएंट से बचाव के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री ने जारी की गाइडलाइंस

डेल्टा प्लस वेरिएंट B.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना हुआ है। म्यूटेशन का नाम K417N है और कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में यानी पुराने वाले वैरिएंट में थोड़े बदलाव हुए हैं जिसकी वजह से ये नया वैरिएंट बना है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:39 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:39 PM (IST)
Delta Plus Variant: डेल्टा वेरिएंट से बचाव के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री ने जारी की गाइडलाइंस
कोरोना वायरस की नजदीक से ली हुई तस्वीर

डेल्टा प्लस वेरिएंट, B.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना हुआ है। म्यूटेशन का नाम K417N है और कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में यानी पुराने वाले वैरिएंट में थोड़े बदलाव हुए हैं, जिसकी वजह से ये नया वैरिएंट बना है। कोरोना का डेल्टा डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 9 देशों ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में मिला है। है। अब तक, दुनिया भर से इस वैरिएंट के 156 सैंपल सामने आए हैं। 

सरकार द्वारा जारी डेल्टा प्लस वैरिएंट की अपडेट

हेल्थ मिनिस्ट्री ने डेल्टा प्लस वैरिएंट की तीन विशेषताओं की पहचान की है।

पहला है इसका तेजी से संचार होना है।

दूसरा फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स से मजबूती से चिपका है।

तीसरा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में संभावित कमी कर देता है।

भारत के जिन तीन राज्यों में ये वैरिएंट पाए गए हैं, उन तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई है कि वे जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें। भीड़ को रोकना और लोगों को आपस में मिलने से जरूरी उपाय करें। जांच, शीघ्र ट्रेसिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करें।

वैरिएंट के समूहों की पहचान भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम या INSACOG द्वारा की गयी है। सरकार ने राज्यों को सलाह दी है कि उनके नमूने INSACOG की नामित लैब में भेजे जाएं।

एक संवाददाता सम्मेलन में, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि महामारी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। लेकिन उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड-19 की रोकथाम के लिए जरूरी नियमों का पालन करना जारी रखना चाहिए। समारोह और पार्टियों से बचना चाहिए। मास्क लगाएं और हाथों को धोने के साथ-साथ सैनेटाइज करते रहें।

दोनों भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।

Pic credit- freepik

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