Happy Mother's Day 2021: महिलाओं में बेहद आम हो चुकी हैं ये 5 बीमारियां, ऐसे रहें सावधान

Happy Mothers Day 2021 हर इंसान की जिंदगी में मां सबसे ज़रूरी होती है। मदर्स डे के दिन लोग कई तरह से मां के प्रति अपने प्यार को व्यक्त करते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इस बार मदर्स डे हम सभी के लिए कुछ अलग होगा।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:00 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:22 AM (IST)
Happy Mother's Day 2021: महिलाओं में बेहद आम हो चुकी हैं ये 5 बीमारियां, ऐसे रहें सावधान
Happy Mother's Day 2021: महिलाओं में बेहद आम हो चुकी हैं ये 5 बीमारियां, ऐसे रहें सावधान

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Happy Mothers Day 2021: मां भगवान का बनाया सबसे नायाब तोहफा है। पूरी दुनिया में मां के जैसा प्यार और कोई नहीं कर सकता। इसलिए मां को चाहे आप कितना भी प्यार और सम्मान दें, वो काफी नहीं होता। अपने बच्चे के प्रति एक मां का त्याग, तपस्या और प्यार का बदला कोई बच्चा नहीं लौटा सकता। वैसे तो हम अपनी मां से रोज़ प्यार जताते हैं, लेकिन हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार मदर्स डे 9 मई को है। 

हर इंसान की जिंदगी में मां सबसे ज़रूरी होती हैं। मदर्स डे के दिन लोग कई तरह से मां के प्रति अपने प्यार को व्यक्त करते हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इस बार मदर्स डे हम सभी के लिए कुछ अलग तरह का होगा। सिर्फ कोविड-19 ही नहीं भारत में महिलाएं कई तरह की बीमारियों से पीड़ित होती हैं। तो आइए इस मौके पर जानें 5 ऐसी बीमारियों के बारे में जिनकी शिकार अक्सर महिलाएं हो जाती हैं।

अर्थराइटिस

गठिया में यूरिक एसिड के क्रिस्ट्ल्स जोड़ो में जमा हो जाते है, यह समस्या तब होती है जब शरीर में सामान्य से अधिक यूरिक एसिड बनाने लगता है। गठिया की शुरुआत सबसे पहले पैर से होती है, आमतौर पर ये पैर के अंगूठे के जोड़ों से शुरू होता है और इसमें बहुत दर्द होता है तब इसे पोडेग्रा भी कहते हैं। कुछ समय के बाद यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स शरीर के दूसरे जोड़ो तक भी फैल जाते है और यह दर्द बढ़ता हुआ कोहनी, घुटने, हाथों की अंगुलियों के जोड़ों और टिशु तक पहुंच जाता है।

आर्थराइटिस के कई प्रकार हैं लेकिन सबसे कॉमन है ऑस्टियो आर्थराइटिस। इसके मामले में घुटनों में दर्द, चलने-फिरने या उठने-बैठने में परेशानी होती है। इलाज न कराने पर यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। इसे गठिया भी कहते हैं। देश की जनसंख्या का 15 फीसदी हिस्सा इससे जूझ रहा है। 

फाइबरॉइड्स

शरीर में ऐसे ट्यूमर का होना जो कैंसरेरियस नहीं होते हैं, उन्हें फायब्रोइड्स कहा जाता है। इनके बढ़ने की गति बेहद धीमी होती है। साथ ही सभी फाइब्रोइड्स इलाज के ज़रिए ही ठीक हो जाएं, ये ज़रूरी नहीं है। इससे हैवी पीरियड्स, बांझपन, माहवारी के दौरान दर्द, गर्भावस्था की जटिलताएं जैसे कि मिसकैरेज और जल्दी प्रसव की दिक्कतें हो सकती हैं।

युरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

यूटीआई सबसे आम संक्रमणों में से एक है। यूटीआई के कारण कई हैं। एक यूटीआई आपके मूत्र पथ में कहीं भी हो सकता है। आपका मूत्र पथ आपके गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग से बना होता है। यह आपकी डाइटरी हैबिट्स में बदलाव के कारण भी हो सकता है। ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचने के लिए सावधानियां बरतने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले हमें अपने पूरे दिन के हाइड्रेशन पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर संक्रमण को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए तो ये बैक्टीरिया ब्लैडर और किडनी तक भी पहुंचकर समस्या को गंभीर बना सकता है।

एन्डोमेट्रीओसिस

एन्डोमेट्रीओसिस एक ऐसी समस्या है जिसकी शिकायत बहुत सी महिलाएं करती हैं। जो महिलाएं इस समस्या से परेशान होती हैं, उनके लिए पीरियड्स के दौरान अपने रोज़मर्रा के काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस समस्या की वजह से होनेवाला दर्द कई बार आपको अशक्त भी बना देता है लेकिन परेशानी सिर्फ इतनी ही नहीं है। एन्डोमेट्रीओसिस की वजह से महिलाओं की प्रजनन शक्ति भी कम हो जाती है। यूट्रस में होने वाला यह ट्यूमर कई बार महिलाओं के लिए जानलेवा भी साबित होता है। इसलिए बेहतर यही है कि इसे नज़रअंदाज़ न किया जाए।

ब्रेस्ट कैंसर

महिलाओं के लिए, स्तन कैंसर एक बड़ी समस्या है। स्तन कैंसर के मामले देर से पता लगाने के कारण मृत्यु दर बढ़ जाता है। स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है। आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है। जीन में म्यूटेशन की वजह से स्तन के कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होते है, इसने कोई भी आबादी और नस्ल नहीं बच सकती। WHO द्वारा स्तन कैंसर के मामलों पर दुनिया भर में दिखाये आंकड़ों में, यह कहा गया कि यह महिलाओं में कैंसर का सबसे साधारण रूप है। भारत में महिला ब्रेस्ट कैंसर के मरीज़ों की संख्या काफी अधिक है। ज्यादातर शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जाते हैं।

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