Coronavirus Guidelines: कोरोना की थर्ड वेव से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस
Coronavirus Guidelines आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग के साथ मास्क पहनने योग करने बीमारी के पांच लक्षण की पहचान करने डॉक्टरों के साथ मशविरा करने के साथ-साथ पेरेंट्स को वैक्सीन लेने तक की सलाह दी गई है।
कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों पर भी अटैक किया और अब तीसरी लहर में ये और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। जिसे देखते हुए आयुष मंत्रालय ने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं। आशंका है कि कोरोना संक्रमण की थर्ड वेव सितंबर या अक्टूबर में आ सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार तीसरी लहर बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकती है। ऐसे में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा के उपयोग के साथ मास्क पहनने, योग करने, बीमारी के पांच लक्षण की पहचान करने, डॉक्टरों के साथ मशविरा करने के साथ-साथ पेरेंट्स को वैक्सीन लेने तक की सलाह दी गई है।
क्या है गाइडलाइन
- कोरोना से बचाव के सबसे पहले उपाय मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है। इन्हें बच्चों को जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चों को इनके प्रति जागरूक करें।
- 5 से 18 साल के बच्चों को मास्क पहनना जरूरी है, जबकि 2 से 5 साल तक के बच्चों के लिए मास्क उनकी इच्छा पर निर्भर है और अगर पहना रहे तो माता-पिताबच्चे का ध्यान रखें।
- बच्चों को घर पर ही रहना चाहिए और ट्रेवल करने से जितना बच सकते हैं बचें। माता-पिता बच्चों को वीडियो और फोन कॉल्स के जरिए दोस्तों और दूर दराज के रिश्तेदारों से जोड़े रखें।
- अगर किसी बच्चे के अंदर कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर भी आते हैं तो उन्हें बुजुर्गों से खास दूर रखें।
इन लक्षणों से पहचानें बच्चों में कोरोना संक्रमण
अगर बच्चे में चार-पांच दिन से ज्यादा बुखार रहे।
बच्चा भोजन की मात्रा कम कर दें।
सांस लेने में तकलीफ महसूस हो।
बच्चा सुस्त लगे।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण बच्चे में दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इन उपचारों से करें बच्चों की देखभाल
बच्चों में अगर संक्रमण दिखता है तो हल्का गुनगुना पानी पीने के लिए दें।
2 साल से अधिक के बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर कराएं।
5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को तेल मालिश और गर्म पानी के साथ गरारा करना चाहिए।
तेल मसाज, नाक में तेल लगाना, प्राणायाम, मेडिटेशन और अन्य शारीरिक अभ्यास के लिए भी 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों की क्षमता को देखते हुए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इसके अलावा आयुर्वेदिक उपायों में बच्चों की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए हल्दी दूध, च्वयनप्राश और प्राकृतिक जड़ी बूटियों का काढ़ा देना चाहिए।
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