Excessive yawning Effect: दिन भर उबासी लेते हैं तो संभल जाइए, सेहत के लिए खतरा है ज्यादा उबासी

Excessive yawning दिन भर में 3 से 4 बार उबासी आना आम बात है लेकिन जरूरत से ज्यादा उबासी आना परेशानी का सबब हो सकता है। बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने से भी उबासी आती है। उबासी का ज्यादा आना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:32 AM (IST)
Excessive yawning Effect: दिन भर उबासी लेते हैं तो संभल जाइए, सेहत के लिए खतरा है ज्यादा उबासी
बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने से आती है ज्यादा उबासी।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हमें जब नींद ज्यादा आती है या फिर हमें थकान ज्यादा महसूस होती है तो उबासी आती है। लेकिन नींद पूरी होने के बावजूद और थकान भी नहीं होने पर भी बार-बार उबासी आना सेहत के लिए खतरनाक है। दिन भर में 3 से 4 बार उबासी आना आम बात है, लेकिन कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा उबासियां आने लगती हैं। उबासी आने के कई कारण होते हैं जैसे अधिकतर थकान, उनींदापन, किसी भी चीज में अरुचि के कारण भी उबासी आने लगती है। बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होने से भी उबासी आती है। उबासी का ज्यादा आना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा उबासी आने का कारण क्या है और इसका उपचार कैसे है।

ये हैं अधिक उबासी आने के कारण: लीवर खराब होने पर ज्यादा थकावट होने लगती है। थकान महसूस होने पर उबासी आती है। डॉक्टर्स के अनुसार, दिल और फेफड़ों की बीमारियों के कारण भी ज्यादा उबासियां आने लगती हैं। जब दिल और फेफड़े सही तरह से काम नहीं करते तो अस्थमा की समस्या होने लगती है। अगर समय रहते इसका इलाज करवाया जाए तो परेशानी से बचा जा सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, ब्रेन स्टेम में जख्म की वजह से ज्यादा उबासियां आने लगती हैं। पिट्यूटरी ग्लैंड दब जाने के कारण भी ऐसा होता है। बीपी और दिल की धड़कन का कम होना भी उबासी बढ़ाता है। तनाव से भी अक्सर लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसा होने पर ऑक्सीजन ब्रेन तक नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति में उबासी के जरिए शरीर में ऑक्सीजन पहुंचती है। यदि शरीर में ब्लड ग्लूकोज का लेवल कम हो जाए, तो समझ लीजिए कुछ गड़बड़ है। उबासी आना हाइपोग्लाइसीमिया का शुरुआती संकेत होता है। ब्लड में ग्लूकोज लेवल कम होने से उबासी आनी शुरू हो जाती है। बार-बार उबासी आना हाइपोथायरॉइडिज्म की निशानी हो सकती है। शरीर में थाइरॉयड हॉर्मोन कम बनने पर ऐसा होता है।

इस परेशानी से कैसे निजात पाएं

बोरियत को करें दूर:

बोरियत उबासी का सबसे बड़ा कारण है। जब आप बोर होते हैं तो ज्यादा उबासी आती है। ऐसी स्थिति में थोड़ी देर विराम लें, अपनी सीट छोड़ें, और अपने आपको दूसरे कामों में लगाएं।

पानी ज्यादा पीएं:

थकान के कारण उबासी आती है इसलिए पानी पीना भी इससे छुटकारा पाने का एक अच्छा तरीका है। पानी आपके शरीर को हाइड्रेट करेगा और आप तरोताजा महसूस करेंगे।

खुलकर सांस लें:

जैसा कि बताया गया है कि उबासी का कारण ऑक्सीज़न की कमी है, ऐसी स्थिति में शरीर में सही मात्रा में ऑक्सीज़न पहुंचाने के लिए लंबी सांसे लें। सांस को कुछ देर रोक कर रखें और फिर छोड़ें। इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीज़न मिलेगी।

तनाव से दूर रहें:

ज्यादा काम और पर्याप्त नींद की कमी भी उबासी का कारण है। कम सोना और तनाव ये दोनों चीजें शारीरिक और मानसिक रूप से आपको परेशान करती हैं।

दूसरों को उबासी लेते नहीं देखें: 

अधिकतर लोग जब किसी को उबासी लेते देखते हैं तो वे भी उबासी लेना शुरू कर देते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो ऐसा करना बंद कर दें। ऐसे में आप दूसरे की तरफ से तुरंत अपनी निगाहें हटा लें ताकि आपकी उबासी लेने की इच्छा ना हो।

दिल की बीमारियों का इलाज कराएं:

दिल और फेफड़ों की बीमारियों के कारण भी उबासी ज्यादा आती है। यदि आपको अस्थमा है या फिर दिल या फेफड़ों से संबन्धित बीमारी है तो उसका सही इलाज कराएं। अन्यथा बाद में आपको ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है।

उबासी कब होती है खतरनाक?

वैसे तो उबासी आने से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह खतरनाक भी हो सकती है। यह स्थिति ‘वेसो वेगल रिएक्शन’ कहलाती है। इसमें वेगस नर्व की सक्रियता बढ़ जाती है। यह नर्व दिमाग और गले से होती हुई पेट तक जाती है। जब यह नर्व अधिक सक्रिय हो जाती है तो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाते हैं। इसके कारण बहुत ज्यादा उबासी आने लगती है। इसका हार्ट पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

जब भी आपको ज्यादा उबासी आने लगे तो अपने लीवर का चेकअप जरूर करवा लें।

अगर आपको भी डायबिटीज की समस्या है और उबासी अधिक ले रहे हैं, तो डॉक्टर से यह समस्या जरूर बताएं।

                         Written By: Shahina Noor

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