Anti Covid Drug: कोरोना के सभी वैरिएंट पर असरदार है 2-DG दवा, रिसर्च
Anti Covid Drug डीआरडीओ की दवा 2-DG कोविड-19 के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ असरदार है और यह वायरस को बढ़ने से भी रोकती है। इससे रोगियों में ऑक्सीजन की निर्भरता घटेगी और अस्पताल में भर्ती रोगियों को जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस पर जब तक पूरी तरह काबू नहीं पाया जाता तब तक हम सभी को पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। इस वायरस के बदलते स्वरुप ने सभी को परेशान कर रखा है। इस वायरस का सामना करने के लिए विशेषज्ञ लगातार रिसर्च में जुटे हैं ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। इस वायरस के बदलते स्वरुप पर काबू पाने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन(DRDO) ने anti-Covid drug 2-DG दवा को विकसित किया है जो कोरोना वायरस के खिलाफ खासी प्रभावी है। इस दवा को लेकर DRDO का दावा है कि 2-डीजी दवा कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ पुख्ता तरीके से काम करती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक यह दवा SARS-CoV-2 की जटिलताओं को कम करती है और स्वस्थ्य कोशिकाओं को इंफेक्शन इंड्यूस साइटोपेथिक इफेक्ट (CPE) से बचाती है। SARS-CoV-2 का संक्रमण होने पर यह कोशिकाओं को बचाता है और उन्हें जीवित रखता है। यह अध्ययन 15 जून को प्रकाशित हुआ है जिसके लेखक अनंद नारायण भट्ट, अभिषेक कुमार, योगेश राय, दिव्या वेदागिरी एवं अन्य हैं।
अन्य वैरिएंट पर कैसे करती है दवा असर:
हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैब द्वारा 2डीजी पर चलाए गए क्लीनिकल ट्रायल के वैज्ञानिक के मुताबिक तीसरे चरण के ट्रायल में यह दावा किया गया है कि यह दवा कई वैरिएंट्स पर प्रभावी है। अध्ययन के मुताबिक वायरस का कोई भी वैरिएंट हो उसे ग्लूकोज की जरूरत होगी, जिसे बाधित करने का काम यह दवा कर रही है। इसके साथ ही वायरस के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अमीनो एसिड की भी आपूर्ति कोशिका में रूक जाती है जिससे उनकी संख्या नहीं बढ़ती।
2-DG किस तरह करेगी मरीज़ों पर असर:
2-DG के क्लिनिकल ट्रायल में यह दावा किया गया है कि इससे रोगियों में ऑक्सीजन की निर्भरता घटेगी और अस्पताल में भर्ती रोगियों के जल्द ठीक होने में मदद देगी।
दवा को डीआरडीओ ने किया है विकसित:
पिछले दिनों रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और Dr Reddy’s Laboratories ने मिलकर 2-डीजी दवा को विकसित किया है। मई में इस दवा के कोविड के गंभीर एवं मध्यम रोगियों में इस्तेमाल के लिए आपातकालीन मंजूरी दी गई है। यह 17 मई से बाजार में आ चुकी है।