आंखों से जुड़ी किसी भी समस्या को न करें इग्नोर, जांच और जरूरी देखभाल से रखें इन्हें बीमारियों से दूर

आंखें अनमोल हैं। इन्हें बचाने के लिए हमें बेहद सजग रहना चाहिए और किसी कीमत पर किसी भी तरह की समस्या को इग्नोर नहीं करना चाहिए। आंखों में आने वाली समस्याओं को समय-समय पर खुद भी जांच लेना चाहिए। जलन या चुभन होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:08 AM (IST)
आंखों से जुड़ी किसी भी समस्या को न करें इग्नोर, जांच और जरूरी देखभाल से रखें इन्हें बीमारियों से दूर
हाथ से एक आंख को छिपाए युवती

हमारी आंखें दुनिया की खूबसूरत नजारे को दिखाने वाली एक विंडो की तरह होती हैं। इन्हें कैसे संभाल कर रखें, इसके उपाय के बारे में सोचना पड़ेगा। सबसे जरूरी यह है कि कुछ लोगों की आंखों में थकान, चुभन, गड़न होती है। इस तरह की समस्या के लिए आंखों को बार-बार धोना और पानी डालना ठीक नहीं है। जानते हैं आंखों की सुरक्षा से जुड़ी जरूरी बातें।

40 साल बाद जांच जरूरी

आंखों की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन कुछ बीमारियां उम्र के साथ आती हैं, जैसे ग्लोकोमा (काला मोतिया)। अगर आपकी फैमिली में किसी को बीमारी रही हो, तो 40 साल के बाद आपको नियमित अपनी जांच करानी चाहिए। शुगर, हाइपरटेंशन का असर भी आंखों पर आने लगता है। पांच साल से अगर आप बीपी-शुगर के मरीज हैं, तो लगातार चेकअप कराते रहे। इसके अलावा कभी ऐसा महसूस हो कि आंखों के सामने बहुत सारे काले मच्छर आने का एहसास हो या ऐसा लगने लगे कि आंखों के सामने पर्दा गिर रहा है, तो साफ है कि पर्दे में खराबी आ रही है। इसके अलावा एज रिलेटेड मैक्योलर डीजेनरेशन (एआरएमडी) में वीजन के लिए आंखों के सेंट्रल पोर्शन में खराबी आती है। यह 60-70 के पेशेंट में ज्यादा देखा जाता है कि उनमें आंखों के सामने खड़े व्यक्ति को भी ठीक से देख नहीं पाने की शिकायत होती है। यह फ्लोटर की शिकायत होती है। ऐसे मरीजों को रेटिना के डॉक्टर से दिखाना चाहिए।

बच्चों का रखें खास ध्यान

आंखें जब बीमार होती हैं, तो उसके सिम्पटम्स होते हैं। आंखों में दर्द है या आंख बार-बार लाल हो रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों पर दें। वे अपनी आंखों की समस्या के बारे में कुछ बता नहीं पाते। हमेशा आंखें छोटी करके देखते हैं या टीवी एकदम करीब से देखने लगते हैं। ये अच्छे साइन नहीं। ऐसे में तुरंत किसी डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए। आंखों के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से भी लोगों को चुभन-गड़न होते हैं। इस पर लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। इसके अलावा, अगर कोविड हुआ हो और आपको स्टेरॉयड दी गई हो, तो थोड़ा सावधान रहना होगा। कई बार आंखों की परेशानियों को इग्नोर करते हैं, इससे बचें क्योंकि डॉक्टर के पास जाने में अगर ज्यादा देर हो गी तो रोशनी जाने का भी खतरा होता है। इसके अलावा अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री ब्लड प्रेशर या शुगर की हो, तो आपको रूटीन चेकअप कराते रहना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

- ड्रायनेस की समस्या न हो, इसके लिए एसी के फ्लो को सीधे आंखों में नहीं पड़ने दें, कूलर की हवा भी सीधे आंखों में नहीं पड़ने दें।

- आंखों को काम करते-करते कम से कम 10 मिनट रेस्ट जरूर देना चाहिए।

- बच्चों को ऐसे खिलौने न दें, जो नुकीले हों, इससे बच्चों की आंखों में चोट लग सकती है और आंखों की काली पुतली फट भी सकती है।

- आंखों को बार-बार रगड़ना नहीं चाहिए।

- आंखों की किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, खुद इलाज करने की कोशिश न करें।

Pic credit- freepik

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