Diwali 2019: हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज, फेस्टिवल के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल

Diwali 2019 दिवाली को एन्जॉय करने के साथ सेहत का ख्याल रखना भी है जरूरी। दिल के मरीज और हाई-ब्लड प्रेशर के मरीज इन बातों पर करें गौर जो आएंगी आपके बहुत काम।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 10:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 10:44 AM (IST)
Diwali 2019: हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज, फेस्टिवल के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल
Diwali 2019: हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज, फेस्टिवल के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल

दीपावली जहां कुछ लोगों के लिए मौज-मस्ती का फेस्टिवल है वहीं कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब। कमजोर दिल वाले, दमा के मरीजों के लिए ये त्योहार किसी भी तरह से खुशियों से भरा नहीं होता, क्योंकि पटाखों की तेज आवाज और उनसे निकलने वाला धुंआ ऐसे लोगों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है।दीपावली पर हाई ब्लड प्रेशर और अन्य दिल की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सजग रहना चाहिए। पास रहकर पटाखों की जबरदस्त आवाज सुनने से दिल पर जोर पड़ता है। इससे हार्ट रेट बढ़ सकती है इसलिए दिल के मरीजों को दूर से ही धमाकेदार आतिशबाजी को देखना चाहिए। इसके साथ ही कुछ अन्य सुझावों पर भी अमल करें।

1. पटाखों के तेज धमाकों के कारण जो लोग पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त हैं, उनमें एंजाइना (सीने में तेज दर्द) की समस्या पैदा हो सकती है। इस सिचुएशन में डॉक्टर से संपर्क कर दवा लें।

2. तेज धमाकों की वजह से ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है, जिससे स्ट्रोक की समस्या भी पैदा हो सकती है। गौरतलब है कि ब्रेन स्ट्रोक लकवा लगने का कारण बनता है इसलिए कान में रूई लगाकर हाई ब्लडप्रेशर और हृदय रोगों से पीड़ित लोग दूर से ही धमाकेदार आतिशबाजी देखें।

3. अगर चक्कर आने की समस्या या उलझन या घबराहट महसूस हों तो इस सिचुएशन में तुरंत लेट जाएं और फिर डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाएं लें या फिर डॉक्टर ने पहले से ही जो दवाएं इसके लिए बता रखी हैं, उन्हें लें।

4. जिन लोगों ने कुछ दिनों पहले एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी कराई है, उन्हें भी धमाकेदार पटाखों से दूर रहना चाहिए। ऐसे लोग दूर से आतिशबाजी का आनंद ले सकते हैं। कभी-कभी बम व पटाखों के जोरदार धमाकों से कान के पर्दे तक फट सकते हैं।

डॉ आरती लालचंदानी (फिजीशियन व हृदय रोग विशेषज्ञ प्राचार्या जीएसवीएम, मेडिकल कॉलेज, कानपुर)

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