मधुमेह के मरीज रोजाना इतने मिनट करें Linga Mudra, कंट्रोल में रहेगा शुगर लेवल
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध की मानें तो डायबिटीज में लिंग मुद्रा प्रभावी होती है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज़्म सक्रियता बढ़ती है। इसके लिए मधुमेह के मरीज रोजाना लिंग मुद्रा जरूर करें।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मधुमेह में मुश्किल टास्क ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना होता है। इसके लिए मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। लापरवाही बरतने पर कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बीमारी में दवा के साथ परहेज अनिवार्य है। साथ ही मीठे चीजों से दूरी बनाए रखना पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो मधुमेह एक लाइलाज बीमारी है। एक बार लग जाने के बाद ताउम्र साथ रहती है। इसके लिए सेहत के प्रति जागरूक रहें। सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान, एक्सरसाइज और योग जरूर करें। खासकर मधुमेह के मरीज शुगर कंट्रोल के लिए रोजाना योग जरूर करें। योग के कई आसन हैं। इनमें एक लिंग मुद्रा है। इस मुद्रा को करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। कई शोधों में दावा किया गया है कि लिंग मुद्रा करने से व्यक्ति सेहतमंद रह सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
लिंग मुद्रा क्या है
यह ध्यान मुद्रा है। इसे करने से शरीर में सकारात्मक शक्ति (अग्नि तत्व) बढ़ती है। साथ ही ऊर्जा का संचार होता है। इससे बदलते मौसम में होने वाली सर्दी, खांसी और जुकाम में बहुत जल्द आराम मिलता है।
क्या कहती है शोध
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध की मानें तो डायबिटीज में लिंग मुद्रा प्रभावी होती है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज़्म सक्रियता बढ़ती है। इसके लिए मधुमेह के मरीज रोजाना लिंग मुद्रा जरूर करें। शोध में रोजाना 15 से 45 मिनट तक लिंग मुद्रा करने की सलाह दी गई है।
कैसे करें लिंग मुद्रा
इसके लिए सबसे पहले शांत वातावरण में दरी बिछाकर सिद्धासन मुद्रा में बैठ जाएं। अब आंखों को बंद कर अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इसके बाद बाएं हाथ को पेट के पास लाएं और उस पर दाएं हाथ को मुठ्ठी बांधकर रखें। इस मुद्रा में आने के बाद अंगूठे को एक सीध में रखकर ध्यान करें। इस योग को कम से कम 15 मिनट जरूर करें। वहीं, लिंग मुद्रा को अधिकतम 45 मिनट तक करना चाहिए। सुबह और शाम के समय लिंग मुद्रा करना श्रेष्ठकर है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।