Chickpeas For Diabetes Diet: जानें डायबिटीज़ के मरी़ज़ों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं छोले

Chickpeas For Diabetes Diet डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है इसलिए इसे डाइट और दवाओं के ज़रिए नियंत्रण में रखना पड़ता है। ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना या कम होना दोनों ख़तरनाक हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:06 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 10:54 AM (IST)
Chickpeas For Diabetes Diet: जानें डायबिटीज़ के मरी़ज़ों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं छोले
Chickpeas For Diabetes Diet: जानें डायबिटीज़ के मरी़ज़ों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं छोले

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chickpeas For Diabetes Diet: कोरोना वायरस महामारी के दुनिया भर को अपनी चपेट में लेने से पहले, डायबिटीज़ यानी मधुमेह दुनिया में सबसे ज़्यादा लोगों को अपना शिकार बना रही थी, और अब बना रही है। अब कोरोना वायरस के दौर में भी जिन लोगों को डायबिटीज़ है, उनके साथ ज़्यादा जोखिम जुड़े हुए हैं। 

डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है, इसलिए इसे डाइट और दवाओं के ज़रिए नियंत्रण में रखना पड़ता है। ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना या कम होना दोनों ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। इसके लिए खास डाइट का पालन करना ज़रूरी है।

क्या ब्लड शुगर स्तर के लिए सुरक्षित हैं छोले? 

छोले दाल और फलियां परिवार का एक हिस्सा होता है। हालांकि, एक गलत धारणा है कि दाल और फलियों में कार्ब्स नहीं होते हैं, जबकि अगर ऐसा है, तो भी वे मधुमेह के रोगियों के लिए एक बुरा विकल्प नहीं हैं।

शोध के मुताबिक, टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों ने तीन महीने तक अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन के हिस्से के रूप में रोज़ाना एक कप दाल खाई। जब अध्ययन के अन्य प्रतिभागियों के साथ तुलना की गई, तो रोज़ाना दाल खाने वालों लोगों में हीमोग्लोबिन A1c मूल्यों में और रक्तचाप में कमी देखी गई।

डिफीट डायबिटीज फाउंडेशन के अनुसार, छोलों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी बहुत कम होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स, एक सापेक्ष इकाई है जो किसी खाद्य पदार्थ में कार्ब्स के स्तर को मापता है, और यह रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपने आहार में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। 

छोले के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे

छोले विटामिन-सी, ई और बेटा-कारोटीन के साथ कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इनमें मौजूद उच्च मात्रा में फाइबर के कारण ये पाचन तंत्र के लिए अच्छे होते हैं और अपच, आंत्र सिंड्रोम की दिक्कत आदि को कम कर सकते हैं। छोले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है।

डायबिटिक के मरीज़ छोलों को इन तरीकों से करें डाइट में शामिल

हुम्मस: हुम्मस, असल में मिडल-ईस्ट देशों में बनाया जाने वाला एक डिप है, जो अब दुनिया भर में पसंद किया जाता है और काफी मशहूर हो गया है। इसे आप कच्ची सब्ज़ियों का स्वाद बेहतर करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। सूखे छोले: सूखे छोले भारत में बेहद पसंद की जाने वाली और काफी आम डिश है। इसे कुलचों के साथ या फिर खाली भी खाया जाता है। याद रखें कि इसे हेल्दी बनाए रखने के लिए इसमें तेल और मसालों की मात्रा कम ही रखें।

छोले की चाट: छोले की चाट को कच्ची सब्ज़ियों- जैसे प्याज़, खीरा, टमाटर, उबले हुए आलू में उबले हुए छोलों को मिलाकर बनाया जाता है। ये डाइट में शामिल करने का एक हेल्दी और आसान सनैक है।

छोले का साग: आप काबुली चनों को पालक के साथ मिलाकर साग तैयार कर सकते हैं। ये न सिर्फ बेहद हल्दी होता है बल्कि स्वाद में भी कमाल का होता है। 

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