Covid-19 & Obesity: मोटापा बना सकता है कोरोना को और भी ख़तरनाक, फौरन घटाएं वज़न

Covid-19 Obesity कोविड-19 संक्रमण उन लोगों के लिए और भी जोखिम पैदा कर देता है जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। वहीं अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो भी ये संक्रमण आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 10:30 AM (IST)
Covid-19 & Obesity: मोटापा बना सकता है कोरोना को और भी ख़तरनाक, फौरन घटाएं वज़न
मोटापा बना सकता है कोरोना को और भी ख़तरनाक, फौरन घटाएं वज़न

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 & Obesity: भारत के ज़्यादातर राज्य कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना संक्रमण दुगनी तेज़ी से फैल रहा है। यहां तक कि पिछले साल आमतौर पर बुज़ुर्ग इसके शिकार बने थे, लेकिन इस बार सभी उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

कोविड-19 संक्रमण उन लोगों के लिए और भी जोखिम पैदा कर देता है, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। वहीं, अगर आप मोटापे के शिकार हैं, तो भी ये संक्रमण आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि आमतौर पर कोविड से संक्रमित मरीज़ करीब दो हफ्ते में ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर आप मोटापा से ग्रसित हैं या आपको पहले से कोई परेशानी है, तो आपको इलाज और रिकवरी में ज़्यादा मुश्किल आ सकती है। मोटोपा यानी ओबेसिटी से पीड़ित लोगों को कोरोना से ठीक होने में भी ज्यादा समय लग रहा है। इसके अलावा मोटे लोगों को ऑक्सीजन की कमी होने पर उन्हें हायर वेंटिलेशन प्रेशर की ज़रूरत पड़ती है। 

इसलिए उनका इलाज एक बड़ी चुनौती बन जाता है। 

मोटापा क्यों बन जाता है ख़तरा

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग मोटापे से पीड़ित हैं या जिनके पेट के हिस्से में ज़्यादा चर्बी है, उन्हें पतले लोगों के मुकाबले कोविड से ठीक होने में ज़्यादा वक्त लग रहा है।

- मोटापे के शिकार लोगों में ऐब्डोमन प्रेशर की वजह से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है।

- मोटापे की वजह से फेफड़े सिकुड़ जाते हैं, जिसकी वजह से उनका काम करना मुश्किल हो जाता है।

- कोरोना संक्रमण में मोटापे से पीड़ित मरीज़ों को दूसरों के मुकाबले वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ने के आसार ज़्यादा होते हैं। 

- अगर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है, तो मोटे लोगों के लिए प्रोनिंग भी संभव नहीं हो पाती है।

- जो लोग मोटापे से ग्रसित हैं उन्हें कोरोना के रिकवरी में भी वक्त लगता है.

- मोटापे की वजह से इम्यूनिटी स्लीप एपनिया भी ऐसे लोगों में ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर को कम रखती है।

- अगर आपके शरीर में फैट है, तो इसकी वजह से सूजन जल्दी होती है।

- मोटे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में ये कोरोना वायरस संक्रमण से आसानी से पीड़ित हो जाते हैं।

वज़न घटाना है ज़रूरी

अगर आप भी मोटापे से पीड़ित हैं, तो बेहतर यही है कि वज़न को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में समय रहते बदलाव करना शुरू कर दें। रोज़ाना वर्कआउट के साथ डाइट में भी बदलाव करें। रोज़ 30 मिनट चलें और फिर कार्डियो वर्कआउट करें। तला-भुना खाना न खाएं, ज़्यादा से ज़्यादा फल और सीज़नल सब्ज़ियों का सेवन करें। हो सके तो एक डाइटीशियन से डाइट चार्ट बनवाकर उसका पालन करें।

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