COVID-19 Fear: कोरोना वायरस से हो रहा है 'हैप्पी हाइपोक्सिया', जानलेवा साबित हो सकती है ये स्थिति

COVID-19 Fearकोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज़ जिनका ब्लड ऑक्सीजन स्तर भी काफी कम होता है उन्हें कोई तकलीफ नहीं होतीवह आराम से बातचीत करते हैं और बिल्कुल बीमार महसूस नहीं करते।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 05:00 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:27 PM (IST)
COVID-19 Fear: कोरोना वायरस से हो रहा है 'हैप्पी हाइपोक्सिया', जानलेवा साबित हो सकती है ये स्थिति
COVID-19 Fear: कोरोना वायरस से हो रहा है 'हैप्पी हाइपोक्सिया', जानलेवा साबित हो सकती है ये स्थिति

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। COVID-19 Fear: हर दिन कोरोना वायरस से जुड़ी एक नई बात सामने आती है। यह बीमारी एक इंसान के शरीर को किस तरह से अटैक कर सकती है, ये जानना सभी के लिए काफी चौंकाने वाला रहता है। शुरुआत में कोविड-19 को एक ऐसी बीमारी माना जा रहा था, जिसका असर सिर्फ फेफड़ों पर पड़ता है, लेकिन धीरे-धीरे पता चला कि यह फेफड़ों के अलावा, दिल, दिमाग़ और कई अहम अंगों को संक्रमित कर अपना शिकार बना सकता है।      

हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, यह वायरस एक ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है, जिसे 'हैप्पी हैईपोक्यिा' कहा जाता है। जो कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों की मौत का कारण भी बन रहा है। 

अपोलो अस्पताल के डायरेक्टर, डॉक्टर श्रीनिवास कुमार, का कहना है कि ये एक ऐसी स्थिति है, जिसके बारे में कई डॉक्टर्स को नहीं पता है। मरीज़ बिल्कुल सेहमंद लगता है, बिना किसी तकलीफ के चलता है और बात करता है, लेकिन असल में उसके शरीर के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होता जाता है। जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ता है। 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये स्थिति उस वक्त सामने आई जब अस्पतालों में ऐसे मामले दिखने लगे जिसमें कोरोना वायरस के युवा मरीज़ों को कार्डियेक अरेस्ट हो रहा था, जबकि वह दिल की बीमारी के मरीज़ नहीं थे। 

क्या होता है हैप्पी हाईपोक्सिया

ये एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर या शरीर के किसी विशेष क्षेत्र में ऑक्सीजन के पर्याप्त स्तर की आपूर्ति नहीं हो पाती। इस स्थिति को हाइपोक्सिया के रूप में जाना जाता है। हाइपोक्सिया या तो पूरे शरीर को प्रभावित करता है या किसी एक क्षेत्र को। ऑक्सीजन की कमी होने से अंग अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। 

कोविड-19 मरीज़ों में हाइपोक्सिया को देख मेडिकल एक्सपर्ट भी हैरान हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि कोरोना के मरीज़ जिनके खून में ऑक्सीजन की कमी हो रही है, वह बिल्कुल बीमारी नहीं दिखते। मेडिकल जगत में इस स्थिति को 'हैप्पी हाइपोक्सिया' कहा जाता है।

क्या हाइपोक्सिया जानलेवा होता है?

इस स्थिति से दुनिया भर के कई लोग ग्रस्त हैं। जब रक्त ऑक्सीजन का स्तर गिरता है, तो शरीर सामान्य रूप से बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर पर प्रतिक्रिया करता है जैसे कि सांस की तकलीफ, या यहां तक ​​कि बेहोशी। हालांकि, कोरोना के मरीज़ों में इस स्थिति को देखना चौंकाने वाला भी है और परेशान करने वाला भी। अगर डॉक्टर ब्ल्ड ऑक्सीजन की जांच न करे, तो मरीज़ बिल्कुल ठीक नज़र आता है और ये तब तक पता नहीं चलता जबतक कार्डियेक अरेस्ट न आए। जिससे जान भी जा सकती है।

कोरोना वायरस की वजह से कार्डियेक से संबंधित समस्याएं, उम्रदराज़ या पहले से दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों में आम है। हालांकि, हैप्पी हाइपोक्सिया, उस मरीज़ों को भी प्रभावित कर रहा है, जो युवा हैं और सेहतमंद थे।

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