Coronavirus Recovery: कोविड-19 से रिकवर हुए हैं, तो इन संकेतों को न करें नज़रअंदाज़!

Coronavirus Recovery कोविड-19 से ठीक हुए ज़्यादातर लोग आगे एक स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। हालांकि कई मामलों में ये भी देखा जा रहा है कि कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 04:26 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 04:26 PM (IST)
Coronavirus Recovery: कोविड-19 से रिकवर हुए हैं, तो इन संकेतों को न करें नज़रअंदाज़!
Coronavirus Recovery: कोविड-19 से रिकवर हुए हैं, तो इन संकेतों को न करें नज़रअंदाज़!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Recovery: भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद देश में रिकवरी रेट अब भी ज़्यादा है। कोविड-19 से ठीक हुए ज़्यादातर लोग आगे एक स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। हालांकि, कई मामलों में ये भी देखा जा रहा है कि कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

तो आइए एक नज़र डालते हैं ऐसे ही संकतों और लक्षणों पर जिनको आपको ठीक होने के बावजूद नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

डायबिटीज़

कोविड-19 मरीज़ों को अगर पहले से डायबिटीज़ है, तो इसे चिंता की बात माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में मरीज़ कोविड होने के बाद भी डायबिटीज़ के शिकार हो रहे हैं। यह माना जाता है कि यह वायरस अग्न्याशय (पैनक्रियाज़) जैसे महत्वपूर्ण अंगों में घुसपैठ कर सकता है और इंसुलिन के स्तर को भी खराब कर सकता है। जिनको पहले से डायबिटीज़ है, वे भी ब्लड शुगर स्तर में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं।

कोविड-19 की वजह से टाइप-1 और टाइप-2 दोनों तरह की डायबिटीज़ हो सकती है, इसलिए मरीज़ों को इस तरह के लक्षणों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए।

- ज़रूरत से ज़्यादा प्यास लगना और भूख भी ज़्यादा लगना

- नज़र धुंदली होना

- त्वचा का नाज़ुक हो जाना या फिर चोट लगने पर धीरे-धीरे सुधार आना

- थकावट और कमज़ोरी

- खाने की इच्छा का बढ़ जाना

हाथों और पैरों में सुनन और झुनझुनाहट महसूस होने पर इसे नज़रअंदाज़ न करें। समय-समय पर ग्लूकोज़ और ब्लड शुगर स्तर को जांचें।

मयोकार्डिटिस और दिल से जुड़ी बीमारियां

गंभीर कोविड-19 के कारण ख़ून के थक्के और बीमारी के बाद दिल के दौरे के मामले लगातार बढ़ते दिख रहे हैं। कोविड यहां तक कि सेहतमंद लोगों के दिल पर भी असर डाल सकता है, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, थकावट जैसी परेशीनियां महसूस हो सकती हैं। दिल के डॉक्टर्स का दावा है कि कोविड की वजह से अनियमित दिल की धड़कन, मायोकार्डिटिस यानी सूजन और अन्य हृदय संबंधी जटिलताएं भी हो सकती हैं।

डॉक्टर्स का मानना है कि सूजन जैसे लक्षण आपको कोविड संक्रमण के 5वें दिन से महसूस होने शुरू हो सकते हैं। इसके अलावा इन संकेतों पर भी ध्यान दें:

- सीने में तकलीफ होना 

- हाथ में दर्द या दबाव महसूस होना 

- पसीना आना

- सांस लेने में तकलीफ 

- अनियंत्रित या अस्थिर रक्तचाप

- अनियमित दिल की धड़कन

- तनाव महसूस होना

मनोवैज्ञानिक विकार

कई तरह के क्लीनिकल शोध में पाया गया कि कोविड से ठीक हो रहे मरीज़ों को बीमारी के बाद भी हेल्थ, न्यूरोलॉजिकल और मनोवैज्ञानिक विकार के लिए चेक-अप की ज़रूरत होगी। खासतौर पर महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य विकार होने का ख़तरा ज़्यादा है।इसलिए कोविड से ठीक होने के बाद इस तरह के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें:

- मनोवस्था संबंधी विकार

- भ्रम

- निर्णय न ले पाना

- ध्यान लगने में दिक्कत होना

- लंबे समय तक याद रखने में दिक्कत आना

- तनाव और बेचैनी का बढ़ जाना

- लंबे समय तक नींद न आना

- बिना किसी के मदद के काम न कर पाना

कोविड से रिकवरी के कई हफ्तों बाद भी इसी तरह के लक्षण महसूस होने पर आपको मेडिकल स्पोर्ट ज़रूर लेना चाहिए।

किडनी की बीमारी

जिन लोगों को कोरोना वायरस का गंभीर संक्रमण हुआ उनमें रिकवरी के साथ किडनी में खराबी के संकेत भी देखे गए। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें इससे पहले किसी तरह की बीमारी नहीं थी। शरीर में उच्च स्तर के प्रोटीन और असामान्य खून की रिपोर्ट,  कोविड से होने वाला साइटोकिन तूफान या ऑक्सीजन के स्तर में उतार-चढ़ाव से भी नुकसान हो सकता है। इसका नतीजा उन लोगों के लिए और भी ज़्यादा जोखिम भरा हो सकता है, जिन्हें पहले से सूजन या डायबिटीज़ की समस्या हो।

किडनी में ख़राबी आना गंभीर समस्या बन सकती है, लेकिन शुरुआती लक्षणों की मदद से इस जोखिम से बचा जा सकता है। 

- पैरों या टखने में सूजन आना 

- ज़रूरत से ज़्यादा पेशाब आना 

- पेशाब के रंग में बदलाव होना

- वज़न काफी ज़्यादा कम हो जाना

- पाचन का खराब होना या भूख न लगना

- ब्लड शुगर स्तर या बीपी का बढ़ जाना

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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