Coronavirus DIY Test: अमेरिका में मां-बाप ऐसे कर रहे हैं कोरोना वायरस का DIY टेस्ट!

Coronavirus DIY Test बच्चों में कोरोना का जोखिम कम दिख रहा है लेकिन एक अध्ययन में देखा गया कि 5-10 साल के बच्चे दूसरों की तुलना में कोरोना के प्रसारण ज़्यादा कर रहे हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 02:43 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 02:43 PM (IST)
Coronavirus DIY Test: अमेरिका में मां-बाप ऐसे कर रहे हैं कोरोना वायरस का DIY टेस्ट!
Coronavirus DIY Test: अमेरिका में मां-बाप ऐसे कर रहे हैं कोरोना वायरस का DIY टेस्ट!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus DIY Test: कोरोना वायरस महामारी को शुरू हुए 7 महीने हो चुके हैं। अभी तक हुई रिसर्च के मुताबिक, ये नया वायरस वयसकों और बच्चों को अलग-अलग तरह से संक्रमित करता है। अभी तक आए मामलों से ये पता चला है कि कोरोना वायरस बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करता जितना ख़तरनाक रूप इसका व्यस्कों में देखा जा रहा है।

छोटे बच्चों में कोरोना वायरस का उच्च स्तर देखा जा रहा है

भले ही बच्चों में कोरोना का जोखिम कम माना जा रहा है, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में देखा गया कि 5 से 10 साल की उम्र के बच्चों में बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में कोरोना वायरस के सौ गुना अधिक आनुवांशिक सामग्री होती है। 

अमेरिका में लोग कोरोना वायरस के लिए DIY परीक्षण कर रहे हैं 

छोटे बच्चों में कोरोना वायरस के प्रसारण के कम स्तर को देखते हुए, अमेरिका में अगले सेशन से स्कूल खुलने जा रहे हैं। इसलिए इस रहस्य को सुलझना और भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया है कि कोरोना बच्चों और किशोरों को कैसे प्रभावित करता है।

सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्या बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने में सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं या नहीं। साथ ही बच्चे वायरस का प्रसारण अपने घर और सामाज में कैसे कर रहे हैं। यही कारण है कि छह हजार अमेरिकी माता-पिता और उनके बच्चे घर पर COVID-19 परीक्षण करने के लिए एक DIY प्रयोग में भाग ले रहे हैं।

DIY प्रयोग के लिए, 11 अमेरिकी शहरों के 6,000 वालंटियर्स ने अध्ययन के आयोजकों द्वारा उन्हें भेजे गए परीक्षण किट के ज़रिए खुद अपनी नाक के स्वाब एकत्र किए। अपने नमूनों को इकट्ठा करने के बाद, इन किट्स को शोधकर्ताओं को वापस भेज दिया जाता है।वालंटियर्स शोधकर्ताओं द्वारा भेजे गए प्रश्नावली भी भरते हैं और उन्हें मैसेज के ज़रिए अपने लक्षणों के बारे में अपडेट भी करते हैं।

DIY शोध का क्या मकसद है?

न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस शोध का मकसद के जानना है कि महामारी के वक्त स्कलों को खोलना कितना सुरक्षित होगा। एक तरफ माता-पिता इस रहस्य को उजागर और समझने के लिए खुशी से हिस्सा ले रहे हैं। परिवार पर हुए इस शोध के नतीजे साल के अंत तक आएंगे। अध्ययन का उद्देश्य यह समझना भी है कि अस्थमा या एलर्जी वाले छोटे बच्चों में कोरोना वायरस के खिलाफ अंतर्निहित सुरक्षा है या नहीं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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