गर्भावस्था में शराब का सेवन बना सकता है होने वाले बच्चे को मंदबुद्धि और कई रोगों का शिकार
शराब के सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रेगुलर पीना तो नुकसानदायक है ही लेकिन अगर आप ओकेजनली भी इसका सेवन करती हैं तो छोड़ दें क्योंकि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है।
यकीन मानिए ये सच है कि अगर प्रेग्नेंट महिला एल्कोहल का सेवन करती है तो उसका होने वाला बच्चा मंदबुद्धि के साथ ही और कई दूसरी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है। जिसके चलते बचपन से लेकर बुढ़ापे तक मतलब पूरी जिंदगी दूसरे के सहारे रहना होगा। डॉक्टर्स का कहना है कि आधुनिक लाइफस्टाइल में खुद को मॉडर्न साबित करने के चक्कर में महिलाएं भी अब शराब का सेवन करने लगी हैं और इसका खामियाजा उनके होने वाले बच्चे को भुगतना पड़ता है। इस बीमारी को फीटल एल्कोहल सिंड्रोम कहा जाता है।
कैसे बच्चे पर पड़ता है इसका असर
डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसी महिलाओं के प्लेजेंटा के थ्रू एल्कोहल पेट में पल रहे बच्चे तक पहुंच जाता है और वह इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। पैदा होने के बाद उसमें मंदबुद्धि होने के लक्षण दिखने लगते हैं। एग्जाम्पल के तौर पर सौ महिलाएं अगर एल्कोहल का सेवन करती है तो उनसे पैदा होने वाले तीस फीसदी बच्चों में फीटल एल्कोहल सिंड्रोम की शिकायत देखने को मिलती है।
शिशु जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे हाइपरएक्टिव होते जाते हैं। कोई चीज सीखने और बोलने में प्रॉब्लम आती है। फीटल एल्कोहल सिंड्रोम के साथ जन्मे बच्चे का चेहरा भी इससे प्रभावित हो सकता है।
महिलाों के एल्कोहल पीने की वजहें
- आधुनिक जीवन शैली और संगत में पड़कर
- हॉस्टल में रहने के दौरान दोस्तों की संगत
- अकेलेपन में लग गई लत
- शादी के बाद जीवनसाथी अगर पीता है तो ये एक वजह
- घरेलू लड़ाई-झगड़ों से तंग आकर एल्कोहल लेना
- पार्टियों में जाने से पड़ गई एल्कोहल लेने की आदत
कैसे छुड़ाएं एल्कोहल
- महिलाों को ज्यादा से ज्यादा समय दें।
- परिवार का साथ जरूरी है, शराब को घर से हटा दें।
- महिलाओं को एल्कोहल से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं।
- उन्हें ऐसी पार्टीज़ से दूर रखें जहां एल्कोहल का यूज आम बात है।
- अगर एल्कोहल की लत नहीं छूट रही तो डॉक्टर से सलाह लें।
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