कोविड लॉकडाउन का बच्चों की सेहत पर कैसे पड़ा है असर, जानिए क्या कहती है रिसर्च

Short-Sighted in Childrenबच्चों में निकट दृष्टि दोष या myopia नाम की बीमारी बढ़ने लगी है। लॉकडाउन के कारण बच्चे के आउटडोर गेम खत्म हो गए है। उन्हें पढ़ाई भी कंप्यूटर पर ही करना पड़ती है। यही कारण है इन बच्चों को निकट दृष्टि दोष हो गया है।

By Shahina NoorEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 12:00 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 12:30 PM (IST)
कोविड लॉकडाउन का बच्चों की सेहत पर कैसे पड़ा है असर, जानिए क्या कहती है रिसर्च
बच्चों में निकट दृष्टि दोष या मायोपिया की बीमारी तेजी से बढ़ने लगी है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोविड के कारण लगे लॉकडाउन में बच्चों पर बेहद बुरा असर पड़ा है यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन के मुताबिक बच्चों को सबसे ज्यादा आंखों की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे बच्चों में निकट दृष्टि दोष या myopia नाम की बीमारी बढ़ने लगी है। अध्ययन में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण बच्चे के आउटडोर गेम खत्म हो गए है, उनका बाहर निकलना बंद हो गया है। अध्ययन के मुताबिक बच्चे घर में रहकर हमेशा गैजेट से चिपके रहते हैं। या तो वे टीवी देखते हैं, या मोबाइल पर गेम खेलते हैं। इसके अलावा उन्हें पढ़ाई भी कंप्यूटर पर ही करना पड़ती है। यही कारण है इन बच्चों को निकट दृष्टि दोष हो गया है।

लॉकडाउन के दौरान 700 बच्चों पर किया गया अध्ययन:

डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक यह अध्ययन हांगकांग में किया गया है। करीब 1793 बच्चों की आंखों का टेस्ट करने के बाद यह बात सामने आई कि बच्चों में निकट दृष्टि दोष या मायोपिया की बीमारी तेजी से बढ़ने लगी है। अध्ययन में 700 बच्चों को लॉकडाउन लगने के बाद शुरुआती दौर में ही शामिल कर लिया गया, जबकि बाकी बच्चों पर पिछले तीन साल से नजर रखी जा रही थी। इन बच्चों की देखने की क्षमता का विश्लेषण समय-समय पर किया जाता था। इनके लाइफस्टाइल, आउटडोर एक्टिविटी और स्क्रीन पर बिताए समय पर बारीकी से नजर रखी जा रही थी।

जनवरी से अगस्त 2020 तक पाया गया कि पांच में से एक बच्चे मायोपिया के शिकार हो गए। ये बच्चे लॉकडाउन के कारण ज्यादातर समय घर में बिताते थे। एक साल में इन बच्चों की आंखों को कई बार चेक किया गया। इसमें पाया गया कि छह साल के बच्चों में 28 प्रतिशत बच्चे मायोपिया से पीड़ित हो गए थे, जबकि 5 साल साल के 27 प्रतिशत बच्चों को आंखों का निकट दृष्टि दोष हो गया है। इसके अलावा 8 साल के 26 प्रतिशत बच्चे भी इसी बीमारी से कोविड के दौरान जूझने लगे। 

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