अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण है शल्लकी, ऐसे करें इस्तेमाल

अध्यात्म में शल्लकी का विशेष महत्व है। इसका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। खासकर आरती के समय में शल्लकी को धूप में यूज किया जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि माना जाता है। इसका इस्तेमाल कई रोगों में किया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:57 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:57 PM (IST)
अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण है शल्लकी, ऐसे करें इस्तेमाल
शल्लकी अस्थमा के मरीजों के लिए दवा समान है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अस्थमा फेफड़ों से संबंधित रोग है। इस बीमारी में मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दबाव और खांसी होती है। यह स्थिति श्वास नलियों में सूजन, एलर्जी (हवा अथवा प्रदूषण) और कफ और आनुवांशिकता के चलते होती है। आनुवांशिक होने पर यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। अस्थमा को नियंत्रित करने में परेशानी होती है। खासकर कोरोना महामारी के दौरान अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी विशेष एडवायजरी जारी कर अस्थमा के मरीजों को कोरोना वायरस के वैरिएंट से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। अगर आप अस्थमा को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो शल्लकी का यूज कर सकते हैं। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि शल्लकी अस्थमा में फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

शल्लकी क्या है

अध्यात्म में शल्लकी का विशेष महत्व है। इसका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। खासकर आरती के समय में शल्लकी को धूप में यूज किया जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं। खासकर जोड़ों में दर्द, अस्थमा, कब्ज और पाइल्स आदि रोगों में यह दवा की तरह काम करता है।

क्या कहती है शोध

ncbi.nlm.nih.gov की शोध की मानें तो शल्लकी अस्थमा के मरीजों के लिए दवा समान है। इसके यूज से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें एंटी-अस्थमा के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए शल्लकी की चूर्ण को घी में मिलाकर सेवन करें। साथ ही शल्लकी को घी में जलाकर धुंआ को सांस लेना भी फायदेमंद साबित होता है। साथ ही शल्लकी की चूर्ण को पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। हालांकि, सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

अस्थमा में क्या करें

-इनहेलर हमेशा अपने पास रखें। खासकर ड्राइव या अकेले रहने पर अपने साथ इन्हेलर रखें।

-भीड़भाड़ और प्रदूषित जगहों पर जानें से परहेज करें। घर से हमेशा मास्क पहनकर निकलें।

-अपनी डाइट में उन चीज़ों को जरूर जोड़ें, जो विटामिन-सी युक्त हो। पानी भी अधिक मात्रा में पिएं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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