Rice Disadvantage: ज्यादा चावल खाते हैं तो संभल जाइए, यह आपकी सेहत के लिए घातक हो सकता है, जानिए कैसे

Rice Disadvantage चावल आपकी डाइट का अहम हिस्सा तो थोड़ा ध्यान दीजिए। चावल में आर्सिनक रसायन की मौजूदगी होती है जो स्वास्थ्य से संबंधित कई बीमारियों को जन्म देती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 03:04 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 03:07 PM (IST)
Rice Disadvantage: ज्यादा चावल खाते हैं तो संभल जाइए, यह आपकी सेहत के लिए घातक हो सकता है, जानिए कैसे
Rice Disadvantage: ज्यादा चावल खाते हैं तो संभल जाइए, यह आपकी सेहत के लिए घातक हो सकता है, जानिए कैसे

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। चावल हमारी थाली का प्रमुख भोजन है, जिसे एशियाई देशों में सबसे ज्यादा खाया जाता है। उत्तर भारत में चावल को सीधा पकाकर खाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में चावल का आटा बनाकर उससे इडली-डोसा इत्यादि बनाकर खाया जाता है। चावल देश के ज्यादातर लोगों का मुख्य भोजन है। चावल का इस्तेमाल हम लोग अलग-अलग पकवान बनाने में करते है। वैसे अक्सर बुजुर्ग हिदायत देते हैं कि चावल का सेवन कम करो। बुजुर्गों की इस सलाह पर एक शोध ने भी मुहर लगा दी है। हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक शोध के आधार पर दावा किया गया है कि ज्यादा चावल खाने से सेहत को नुकसान हो सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर एंड सेलफोर्ड के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि चावल में कुदरती तौर पर आर्सिनक रसायन की मौजूदगी होती है, जो स्वास्थ्य से संबंधित कई बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए ज्यादा चावल खाने से दिल से संबंधित बीमारी होने की आशंका 25 प्रतिशत तक ज्यादा हो जाती है। यह मामला खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर इंसान की मृत्यु तक हो सकती है।

दुनिया भर में 50 हजार मौतें:

शोध में पाया गया कि ब्रिटेन में 25 प्रतिशत लोग जो चावल का नियमित सेवन करते हैं, उनमें 6 प्रतिशत लोगों पर दिल से संबंधित बीमारियों के कारण मौत का खतरा रहता है। शोध में कहा गया है कि धान के पौधों में कुदरती तौर पर कई रसायन पाए जाते हैं, जिनके कारण लीवर कैंसर तक की आशंका होती है। अधिकतर जोखिम होने पर व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। हालांकि, चावल दुनिया भर के लोगों के लिए प्रमुख आहार है। शोध में यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर चावल के कारण करीब 50 हजार मौतें होती हैं।

धान में आर्सेनिक की मौजूदगी के कारण बीमारी:

वैज्ञानिकों ने पाया है कि चावल का ज्यादा सेवन करने से दिल की बीमारी इसलिए होती है, क्योंकि धान में कुदरती तौर पर खतरनाक आर्सेनिक की मौजूदगी होती है। आर्सेनिक धरती में प्राकृतिक स्तर पर पाया जाता है। इसके अलावा, आर्सेनिक उन जगहों पर ज्यादा पाया जाता है, जहां कीटनाशकों का प्रयोग ज्यादा होता है। जब भी कीटनाशक या उर्वरक का इस्तेमाल होता है तो यह पानी के माध्यम से आस-पास पूरे क्षेत्र में फैल जाता है। धान की खेती के लिए गर्म वातावरण चाहिए, लेकिन पानी हमेशा पौधों की जड़ में लगा होना चाहिए। जब पौधे बड़े होने लगते हैं, तब मिट्टी से आर्सेनिक निकलकर पानी में आ जाता और पानी के माध्यम से पौंधों की जड़ें इसे अवशोषित कर लेती हैं। इसके बाद यह पूरे पौधे में पहुंच जाता और अंततः चावल में आ जाता है। माना जाता है कि वातावरण जितना गर्म होगा, आर्सेनिक उतनी मात्रा में धान में पहुंचेगा। एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान के कारण धान में आर्सेनिक की मात्रा में तीन गुना तक की वृद्धि हो सकती है। 

                  Written By Shahina Noor

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