कब्ज से लेकर मुंहासे तक दूर करने में फायदेमंद है पपीता
पपीते कच्चा हो या पका हुआ, दोनों ही तरीके से फायदेमंद होता है। पेट से जुड़ी परेशानियों के साथ ही ये सुंदरता को निखारने में भी बहुत ही फायेदमंद होता है।
फलों में पपीते को गुणों की खान कहा जाता है। यह पेट के लिए काफी लाभदायक है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन पचाने में मदद करता हैपपीते में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। इसमें न सिर्फ बीटा कैरोटिन, बल्कि लाइकोपिन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। शोध से पता चला है कि पपीते के सेवन से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की आशंका काफी कम होती है।
जोड़ों में लाभदायक
पपीता खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और यह जोड़ों के दर्द में लाभदायक होता है। भोजन पचाने में सहायक पपीते में प्रोटीन, फाइबर और आयरन भी होता है। यह कमजोरी भी दूर करता है।
हृदय के लिए फायदेमंद
पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं जमने देते, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
मजबूत मेटाबॉलिज्म
इसके रस में पपाइन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मददगार होता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, उन्हें पपीते का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इसमें विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। इससे शरीर में फॉलिक एसिड, विटामिन बी 6, विटामिन बी 1 और राइबोफ्लैविन की कमी नहीं होती।
आंखों के लिए उपयोगी
इसमें विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इस कारण यह आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम और पोटैशियम की मात्रा भी भरपूर होती है।
सौंदर्य में निखार
पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुंहासों और झांई से बचाव होता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और उसमें कसाव आता है। पपीता एंटीरिंकल का भी काम करता है। साथ ही चेहरे के दाग-धब्बों को भी कम करता है।
डेंगू का उपचार
शोधकर्ताओं का कहना है कि पपीते के पत्तों का रस डेंगू के इलाज में सहायक होता है। पत्तों का रस प्लेटलेट काउंट्स को बढ़ाने में मदद करता है।
तब न खाएं कच्चा पपीता
कई देशों में हुए शोधों और आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था के दौरान कच्चा पपीता खाना नुकसानदेह हो सकता है। कारण कच्चे पपीते में पेप्सिन पाया जाता है, जो यूट्रस में संकुचन पैदा करता है। इससे मिसकैरेज की आशंका रहती है।