डिमेंशिया के प्रभाव को कम करने में गाना गाने के साथ ही ये 3 एक्टिविटीज़ भी हैं बेहद असरदार
डिमेंशिया के प्रभाव को कम करने में बहुत ही असरदार है सिंगिंग के अलावा डांसिग एक्सरसाइज़िंग और फाइबर रिच डाइट। परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर गाना गाने से दिमाग के याददाश्त वाले हिस्से पर सीधा प्रभाव पड़ता है। है ना गुड न्यूज़!
एक रिसर्च के मुताबिक डिमेंशिया जैसी बीमारी से बचने और उसके प्रभाव को कम करने में सिंगिंग यानी गाना गाना बेहद प्रभावी एक्टिविटी है। रिसर्च के अनुसार डिमेंशिया से जूझ रहा व्यक्ति जब किसी के साथ मिलकर गाना गाता है तो क्वॉलिटी ऑफ लाइफ में तो सुधार आता ही है, साथ ही साथ लोगों से संबंध भी बेहतर होते हैं। सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। और पीड़ित व्यक्ति को सोशल सपोर्ट का अहसास होता है।
द न्यूयार्क एकेडमी ऑफ साइंस में पब्लिश एक अन्य रिसर्च के अनुसार संगीत का हमारे इमोशंस से सीधा कनेक्शन है। यह दिमाग में याददाश्त वाले हिस्से को सीधे प्रभावित करता है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो हर किसी के सामने खुलकर गाने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं तो सिंगिंग के अलावा और भी कई एक्टिविटीज़ हैं जो डिमेंशिया पेशेंट्स के लिए मददगार साबित हो सकती हैं। आइए इनके बारे में जानें और इन एक्टिविटीज़ को करने का भी प्रयास करें।
फाइबर से भरपूर डाइट लें
ब्रेन हेल्थ एक्सपर्ट मैक्स लुगावेरे के अनुसार डाइट में खासतौर से उन चीज़ों को शामिल करें जो हमारे ब्रेन को न्यूट्रिशन पहुंचाती हैं। बादाम, अखरोट के साथ ही फाइबर, हेल्दी फैट, मशरूम और मीट जैसी चीजों भी हमारे ब्रेन के लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन इसके साथ ही शुगर और प्रोसेस्ड फूड से जितना हो सके दूरी बना लें।
सिंगिंग के साथ डांसिंग भी है असरदार
दिन में 5 से 10 मिनट डांस करके भी डिमेंशिया के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि डांस करने से दिल तेजी से धड़कता है। ब्लड फ्लो बढ़ जाता है जिससे दिमाग की कार्य प्रणाली में सुधार होता है। न्यूरोप्लास्टिकसिटी भी मजबूत होती है।
बिना जूते पहनें करें एक्सरसाइज
पीडियाट्रिस्ट (पैर संबंधी डॉक्टर) एमिली स्प्लिशल के अनुसार व्यक्ति का नर्वस सिस्टम पैरों में विशेष रूप से संवेदनशील होता है। इसलिए ऐसी एक्सरसाइज करने की कोशिश करें, जिसमें जूतों और मोजों की जरूरत न पड़ें। खुले मैदान में ऐसा कर पाना संभव है।
Pic credit- freepik