बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने के साथ ही उसे मेंंटेन भी रखती हैं ये 3 एक्सरसाइजेस
हम आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज़ के बारे में बताएंगे जो आपका ऑक्सीजन लेवल मेंंटेन रखने के साथ ही उसके लेवल को भी बढ़ाएगी। इन्हें करके आपको तुरंत राहत महसूस होगी। इसे जांचने के लिए आप ऑक्सीमीटर पर इसके बेहतर परिणाम देख सकते हैं।
कोविड की दूसरी लहर में लोगों का ऑक्सीजन लेवल तेज़ी से कम होते देखा गया। इससे पूरे देश में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए ब्लैक मार्केटिंग के चलते अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। ऐसे में यहां हम आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज़ के बारे में बताएंगे, जो आपका ऑक्सीजन लेवल मेंंटेन रखने के साथ ही उसके लेवल को भी बढ़ाएगी। इन्हें करके आपको तुरंत राहत महसूस होगी। इसे जांचने के लिए आप ऑक्सीमीटर पर इसके बेहतर परिणाम देख सकते हैं।
1. डायफ्रामिक ब्रीदिंग
डायफ्रामिक ब्रीदिंग सांस लेने का एक सही तरीका है, लेकिन ज़्यादातर लोग इसका अभ्यास नहीं करते। सीमित फेफड़ों की क्षमता वाले मरीज़ अकसर छोटी-छोटी सांस लेने की आदत में पड़ जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति की छाती एक सांस लेते ही ऊपर उठती है, तो यह अनुचित सांस का एक संकेतक है। एक उचित सांस फेफड़ों में हवा खींचेगी और पेट तक पहुंचेगी। यही कारण है कि डायफ्रामिक ब्रीदिंग को बेली ब्रीदिंग भी कहा जाता है। डीप डायफ्रामिक सांस लेने के लिए इन चरणों का पालन करें :
इसे करने का तरीका:
एकदम सीधे बैठें। एक हाथ पेट पर और दूसरा छाती पर रखें।
नाक के माध्यम से धीरे-धीरे और गहराई से सांस लें। पेट को प्रत्येक पूर्ण डायफ्रामिक सांस के साथ महसूस करते हुए सांस अंदर-बाहर खींचें। अब इसे मुंह से धीरे-धीरे बाहर निकालें।
15 मिनट तक प्रत्येक मिनट में छह या अधिक बार इसे दोहराएं।
2. 4-7-8 ब्रीदिंग
4-7-8 ब्रीदिंग रिलैक्शन के लिए सबसे प्रभावी एक्सरसाइज़ में से एक है। इसे रिलैक्शिंग ब्रेथ भी कहा जाता है। 4 का अर्थ यहां है कि 4 सेकंड्स तक सांस को खींचें, फिर 7 सेकंड्स तक अपनी सांस को होल्ड यानी उसे रोकें रखें। फिर 8 का मतलब है 8 सेकंड्स तक एक्सहेल करें। तनाव कम करने और आराम को बढ़ावा देने की क्षमता में 4-7-8 तकनीक को अपनी दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें। दिन में दो बार इसे करें। इससे अनिद्रा, मूड स्विंग से राहत मिलेगी।
इसे करने का तरीका :
मुंह से पूरी तरह से सांस लें।
अब मुंह बंद रखें। फिर नाक के माध्यम से सांस लेें और चुपचाप चार तक गिनें।
सात तक गिनती करते हुए इस सांस को रोकें।
हूश की ध्वनि को दोहराते हुए, आठ की गिनती करें और सांस छोड़ें।
चार पांच बार करके इस माध्यम से तकरीबन दो चरणों में दोहराएं।
इसे रोज़ाना करने से आपको काफी राहत महसूस होगी और आप स्वस्थ महसूस करेंगे।
3. सिंहासन या सिंह पोज़
यह एक अद्वितीय मुद्रा है जिसके लिए आपको एक ध्वनि बनाने की आवश्यकता होती है। सिंहासन के दौरान बनाई गई ध्वनि शेर की दहाड़ती हुई आवाज़ से मिलती जुलती है।
इसे करने का तरीका :
सबसे पहले घुटनों को मोड़कर चित्र अनुसार बैठ जाएं। दोनों पैरों के पंजे एक दूसरे को छूते हुए होने चाहिए।
चेस्ट को थोड़ा आगे निकालकर बैठें। हाथों की हथेली को घुटनों के बीच ज़मीन पर रखें।
सिर को पीछे की ओर रखें।
अपना मुँंह खोलें और जीभ को बाहर ठोड़ी की ओर खींचें, जहांँ तक आपकी जीभ जा सकती है।
जैसे ही आप मुंह से सांस छोड़ते हैं, अपने गले से आह की आवाज़ निकालें।
साँंस छोडऩे और साँंस लेने के बाद मुंँह को बंद करें और कुछ सेकंड्स के लिए रुकें।
इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं। फिर वापस पूर्व स्थिति में आ जाएं।
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