CSIR की ताजा रिसर्च के अनुसार, ओ ब्लड ग्रूप वालों पर कोरोना का असर न के बराबर

सर्वे के अनुसार एबी और बी ब्लड ग्रूप वाले लोग अन्य ब्लड ग्रूप की तुलना में संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। वहीं ओ ब्लड ग्रूप वाले अन्य की तुलना में संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:49 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:49 AM (IST)
CSIR की ताजा रिसर्च के अनुसार, ओ ब्लड ग्रूप वालों पर कोरोना का असर न के बराबर
हेल्दी और हैप्पी ब्लड ग्रूप के कैरेक्टर

कोविड-19 वायरस को लेकर आए दिन नई-नई रिसर्च सामने आ रही है। इस कड़ी में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने भी एक सर्वे किया, जिसके नतीजे बताते हैं कि आपका ब्लड ग्रूप भी कोरोना के खिलाफ आपको सुरक्षा कवच प्रदान कर सकता है। इस सर्वे के अनुसार, एबी और बी ब्लड ग्रूप वालों को अन्य ब्लड ग्रूप की तुलना में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। वहीं, ओ ब्लड ग्रूप वालों में संक्रमण का खतरा सबसे कम। देशभर में 10 हजार से ज्यादा लोगों के नमूनों की जांच 140 डॉक्टरों के एक ग्रूप ने की।

ओ ब्लड ग्रूप में मिले एसिम्प्टोमैटिक

रिसर्च स्टडी में यह बात सामने आई कि ओ ब्लड ग्रूप वाले जितने लोग थे वो कोरोना से सबसे कम प्रभावित था। वहीं, ओ ब्लड ग्रूप वाले नमूने जिनमें कोरोना का संक्रमण था, उनमें ज्यादातर हल्के लक्षण ही दिखे या फिर वे नमूने एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण वाले) थे। सर्वे में यह भी पाया गया कि जिन लोगों के नमूनों की जांच की गई, उनमें कोरोना वायरस से सबसे अधिक संक्रमित नमूने एबी ब्लड ग्रूप के लोगों और उसके बाद बी ब्लड ग्रूप के लोगों के निकले, जबकि ओ ग्रूप के नमूनों में सबसे कम संक्रमण दिखा।

वेजिटेरियन पर कम प्रभाव

सीएसआईआर के सीरो पॉजिटिविटी सर्वे पर बेस्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग मांसाहारी हैं, वे शाकाहारियों की तुलना में कोरोना संक्रमण की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। रिपोर्ट में इस अंतर का जिम्मेदार शाकाहारी भोजन में मौजूद हाई फाइबर को बताया गया है जो बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होता है।

जेनेटिक स्ट्रक्चर है अहम

रिपोर्ट पर एक्सपर्ट्स ने कहा कि ज्यादातर चीज़ें व्यक्ति के जेनेटिक स्ट्रक्चर से जुड़ी होती हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित लोग मलेरिया से शायद ही कभी प्रभावित होते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब पूरा परिवार कोविड से संक्रमित हो गया, लेकिन परिवार का एक सदस्य अप्रभावित रहा। यह सब जेनेटिक स्ट्रक्चर के कारण होता है।पूरी तरह इम्यूनिटी नहीं

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह संभव है कि ओ ब्लड ग्रूप वाले लोगों में एबी और बी ग्रूप्स की तुलना में वायरस के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी होती है। इस पर डिटेल स्टडी होनी बाकी है। इसका मतलब यह नहीं है कि ओ ग्रूप वाले लोग सभी कोविड रोकथाम प्रोटोकॉल का पालन करना छोड़ सकते हैं, क्योंकि ओ ग्रूप वाले लोग वायरस से पूरी तरह से इम्यूनिटी नहीं रखते हैं और जटिलताएं विकसित कर रहे हैं।  

Pic credit- freepik

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