Covid-19 & Children: कोविड-19 का असर भारत के बच्चों की सेहत पर दशकों तक रहेगा, CSE रिपोर्ट
Children May Suffer Due to Covid-19 रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। इस महामारी के कारण मौजूदा पीढ़ी के 35 करोड़ से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के दुष्प्रभाव को अपनी जिंदगी में ढोएंगे।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोविड-19 महामारी का असर बच्चों की सेहत पर इतना ज्यादा पड़ा है कि कई दशकों तक बच्चों को इसका खमियाजा झेलना पड़ेगा। सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वाइरन्मन्ट 2021 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी के कारण 0 से 14 साल के 37.5 करोड़ भारतीय बच्चों की सेहत पर लंबे समय तक बुरा असर रहेगा। भविष्य में इन बच्चे को कुपोषण, अशिक्षा और कई अनदेखी दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। यानी एक पूरी पीढ़ी ने सदी की सबसे लंबी महामारी के दौरान जन्म लिया। जब ये बच्चे बड़े होंगे तो इनकी याददाश्त में महामारी एक निर्णायक मिसाल के तौर पर होगी। इस महामारी के कारण मौजूदा पीढ़ी के 35 करोड़ से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के दुष्प्रभाव को अपनी जिंदगी में ढोएंगे।
यूनिसेफ के मुताबिक लॉकडाउन के कारण दुनिया भर के बच्चे सरकारी स्कूल बंद होने की वजह से मिड डे मील से महरूम रहे। भारत में भी करीब 9.4 करोड़ बच्चे मिडडे मिल से वंचित रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में करीब 50 करोड़ बच्चों को स्कूल से बाहर होना पड़ा, जिसमें आधे बच्चे भारत के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक बच्चों में ठिगनापन को 2.5 प्रतिशत तक लाने का जो भारत का लक्ष्य था, वह भी कोविड 19 के कारण प्रभावित हुआ है। भारत 192 देशों में 117 वें स्थान पर है। भारत पाकिस्तान को छोड़कर सभी दक्षिण एशियाई देशों से पीछे है। सालाना स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक सतत विकास लक्ष्य के मामले में केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना को बेहतर प्रदर्शन वाले पांच राज्य घोषित किए गए है। रिपोर्ट के संपूर्ण मुल्यांकन में ये निष्कर्ष निकला कि हवा और पानी की गुणवत्ता खराब होती जा रही है जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है।
Written By: Shahina Noor