Plant Based Diet: उम्र के असर को कम करना चाहते हैं तो डाइट में करें इन 3 चीज़ों को शामिल

Plant based diet 30 के बाद जरूरी है कि कुछ प्लांट बेस्ड फूड का सेवन किया जाए ताकि उम्र के कारण जो प्रभाव बॉडी पर पड़ता है उसका असर कम दिखे। डाइट में सही चीजें इस्तेमाल करने से लंबी उम्र तक हेल्दी और जवान रह सकते हैं।

By Shahina NoorEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 11:00 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 11:22 AM (IST)
Plant Based Diet: उम्र के असर को कम करना चाहते हैं तो डाइट में करें इन 3 चीज़ों को शामिल
अश्वगंधा शरीर में फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। शरीर हमेशा एक तरह से ताकतवर नहीं रहता है। 30 साल के बाद शरीर का फंक्शन धीरे-धीरे स्लो होने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ ही उम्र का असर पाचन तंत्र, ब्लड सर्कलेशन और स्किन पर दिखने लगता है। इस स्थिति में मेटाबोलिज्म को मैंटेन रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन सब स्थितियों में क्रोनिक डिजीज होने का जोखिम बढ़ जाता है, फिर हमारे लिए बॉडी को हेल्दी रखने का क्या तरीका है। दरअसल, डाइट ही वह चीज है जिसकी वजह से हमारा अस्तित्व है। अगर हम अपनी डाइट में सही चीजों का इस्तेमाल करें तो लंबी उम्र तक हेल्दी रह सकते हैं। 30 के बाद जरूरी है कि कुछ प्लांट बेस्ड फूड का सेवन किया जाए ताकि उम्र के कारण जो प्रभाव बॉडी पर पड़ता है, उसका असर कम दिखे। यहां हम ऐसे ही कुछ फूड के बारे में बता रहे हैं जो उम्र बढ़ने पर बॉडी पर उम्र के असर को कम करते हैं।

30 के बाद इन चीजों को करें डाइट में शामिल

अश्वगंधा:

अश्वगंधा कमाल का मेडिसीनल प्लांट है। 30 के बाद इसके पाउडर का सेवन नियमित रूप से जरूर करना चाहिए। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidant ) होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। 30 के बाद पुरुषों में टेस्टेस्टोरोन के स्तर में जो कमी होती है, अश्वगंधा इस स्तर को सुधारता है।

ब्लू बेरी:

ब्लू बेरी में कई चीजें आती है। अपने देश में जामुन और स्ट्राबेरी ब्लू बेरी प्रजाति का ही फ्रूट है। माना जाता है कि ब्लू बेरी में अन्य फ्रूट्स की तुलना में सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह शरीर में फैट को नहीं होने देता। इसके अलावा यह पुरुषों में टेस्टेस्टोरोन लेवल को भी बढ़ाता है। यह डाइबिटीज पेशेंट के लिए भी गुणकारी है और हार्ट डिजीज के जोखिम को भी कम करता है।

फ्लेक्स सीड या अलसी के बीज:

अलसी के बीज में प्रचूर मात्रा में लिग्नेंस (Lignans) पाया जाता है। लिग्नेंस एक प्रकार का पॉलीफिनॉल है जो प्लांट में ही पाया जाता है। अलसी के बीज में फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogens) भी पाया जाता है जो महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ाता है। इसमें विटामिन ई, के, बी1, बी3, बी5, बी6, बी9 और कई अन्य मिनिरल्स पाए जाते हैं जो पुरुषों में स्टेमिना को बढ़ाते हैं। 

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