बालों को मैनेज करने का आसान तरीका है फ्रूट रिबॉन्डिंग, फायदे-नुकसान के साथ ही जान लें ये जरूरी बातें भी
आजकल की व्यस्त जीवनशैली में बालों की सही देखभाल मुश्किल है। बाल कर्ली और फ्रिजी हों तो इन्हें मैनेज करना और भी कठिन है। फ्रूट रीबॉण्डिंग एक ऐसा ट्रीटमेंट है जो इस परेशानी को कुछ हद तक कम कर सकता है। जानें इसकी प्रक्रिया और फायदे-नुकसान के बारे में।
चमकते लंबे, घने और मुलायम बाल आपकी ओवरऑल पसर्नैलिटी को निखारने का काम करते हैं लेकिन सही केयर और डाइट के बालों का ऐसा टेक्सचर पॉसिबल ही नहीं। बेशक अभी वर्क फ्रॉम होम में हम अपने चेहरे से लेकर बालों तक पर फोकस कर सकते हैं लेकिन हर किसी के लिए इतनी केयर करना भी मुश्किल है। तो इसका एक सिंपल सॉल्यूशन है फ्रूट रिबॉन्डिंग। क्या है यह ट्रीटमेंट, और कितना फायदेमंद होता है? आइए जान लेते हैं जरा इसके बारे में...
फ्रूट रिबॉन्डिंग ट्रीटमेंट
इसमें विटमिन ए, डी और ई से भरपूर फलों का एसेंस होता है, जिससे बालों को अंदरूनी पोषण मिलता है। बालों का टूटना काफी हद तक कम हो जाता है। बालों में चमक नजर आने लगती है और वो स्ट्रेट भी हो जाते हैं। प्रॉपर केयर करने पर इस ट्रीटमेंट का असर एक से दो साल तक बना रहता है। लेकिन अगर बाल बीच से टूट रहे हैं तो यह ट्रीटमेंट असर नहीं करेगा।
कैसे किया जाता है फ्रूट रिबॉन्डिंग
- सबसे पहले बालों को धोया जाता है।
- इसके बाद बालों के छोटे-छोटे पार्ट कर उन पर फ्रूट रिबॉन्डिंग क्रीम लगाई जाती है।
- फिर धोकर मॉयस्चराइजिंग मास्क लगाया जाता है और इन्हें ड्रायर से सुखा कर आयरनिंग की जाती है।
- दो दिन बाद पावरडोज स्पा से ट्रीटमेंट पूरा होता है।
- इसके बाद केराटिन बेस्ड शैंपू, मास्क और सीरम से ही बालों को वॉश किया जाता है।
- ट्रीटमेंट के बाद 48 घंटे तक बालों को बांधना या मोड़ना नहीं होता है।
- पूरे प्रोसेस में कम से कम 3-4 घंटे लगते हैं।
जरूरी हैं ये बातें
- दोमुंहे बालों को रीबॉण्डिंग से पहले ट्रिम जरूर करा लें क्योंकि रिबॉन्डिंग के समय हीट के कारण बाल बर्न हो जाते हैं।
- बालों को हमेशा नॉर्मल पानी से ही धोएं। गर्म पानी के इस्तेमाल से बालों में मॉयस्चर चला जाता है।
- रिबॉन्डिंग कराए गए बालों में एक ही हेयरस्टाइल ज्यादा दिनों तक न बनाएं, वरना उनका शेप बिगड़ जाता है।
- कलरिंग करवाने से बचें क्योंकि इससे बालों को नुकसान पहुंच सकता है।
- इसमें केमिकल्स की मात्रा बेहद कम होती है इसलिए यह बाकी ट्रीटमेंट्स से बेहतर होता है।
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