शॉपिंग को और आसान बनाने के लिए जल्द ही रेडीमेड कपड़ों और जूतों में देखने को मिलेगा इंडियन साइज

जल्द ही मार्केट में इंडियन साइज के कपड़े और जूते अवेलेबल होने वाले हैं। साल 2019 में कपड़ा मंत्रालय और एनाईएफटी ने मिलकर भारतीयों के लिए आदर्श माप की तलाश शुरू कर दिया था। इसके लिए थ्री डी स्कैनर की मदद से व्यक्ति का नाप लिया जा रहा है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 09:46 AM (IST)
शॉपिंग को और आसान बनाने के लिए जल्द ही रेडीमेड कपड़ों और जूतों में देखने को मिलेगा इंडियन साइज
शर्ट और टीशर्ट को देखती हुई महिला

ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा ने लोगों का काम काफी हद तक आसान बना दिया है। घर का सामान लेना हो या फिर किसी को गिफ्ट देना हो, हाथों-हाथ काम खत्म हो जाता है। वैसे ऑनलाइन सबसे ज्यादा सर्च और शॉपिंग आउटफिट्स की होती है। लेकिन बहुत सारी ऐसी वेबसाइट्स है जहां कपड़े तो बहुत अच्छे दिखते हैं पर साइज़ यूके-यूएस में दिए होते हैं जो कई बारे इंडियन ग्राहक को समझ ही नहीं आते। अच्छा लगने के बेस पर अगर वो खरीद भी लेते हैं तो फिर वापस करने की नौबत आ जाती है। इस दुविधा को देखते, समझते हुए जल्द ही मार्केट में इंडियन साइज के कपड़े और जूते अवेलेबल होने वाले हैं। साल 2019 में कपड़ा मंत्रालय और एनाईएफटी ने मिलकर भारतीयों के लिए आदर्श माप की तलाश शुरू कर दिया था। इसके लिए थ्री डी स्कैनर की मदद से व्यक्ति की लंबाई-चौड़ाई के हिसाब से डेटा कलेक्ट किया जा रहा है और 120 अलग-अलग पैमानों पर शरीर का नाप लिया जा रहा है।

2023 में पूरा होगा ख्वाब

इंडिया साइज की तलाश कर रही टीम का कहना है कि साल 2022 के अंत तक इस काम के पूरे होने की संभावना है यानी साल 2023 से इंडियन रेडिमेड कपड़ों में इंडिया साइज मिलेगा। 

थ्री डी स्कैनर से होगा सर्वे

देश के 6 शहरों में लोगों का नाप लेकर ये समझा जाएगा कि कैसे भारतीयों के हिसाब से साइज चार्ट बनाया जाए। थ्री डी स्कैनर के सहारे कंधे, सीना, बाजू यहां तक कि पैरों और सिर का माप भी लिया जा रहा है।

भारत के पास कपड़ों का साइज चार्ट नहीं

पूरी दुनिया में केवल 18 देश हैं, जहां कपड़ों या जूतों के लिए अलग साइज चार्ट हैं। भारतीय कपड़ा उद्योग देश का दूसरा सबसे ज्यादा नौकरी देने वाला सेक्टर है। इस सेक्टर का सलाना व्यापार करीब 14 हजार करोड़ रुपए का है। घरेलू खपत ही करीब 10000 करोड़ रुपए है।

Pic credit- pexels

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