रफ्तार और नशापान से युवा हो रहे सड़कों के शिकार
पश्चिम सिंहभूम जिले में 2020 जनवरी से अक्टूबर तक 112 मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। इसमें से 80 से अधिक मौत का कारण ओवर स्पीड और नशापान रही।
मो. तकी, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले में 2020 जनवरी से अक्टूबर तक 112 मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। इसमें से 80 से अधिक मौत का कारण ओवर स्पीड और नशापान रही। वहीं कई तीखे मोड़ भी लोगों की जान ले रहे हैं। इसके अलावा खराब सड़क भी दुर्घटना का कारण बन रही है। इसको लेकर परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा समिति लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने में लगी है। इसके अलावा विभाग की ओर से जुर्माना भी लगाकर चेतावनी दी जाती है, लेकिन हादसों में कमी नहीं देखी जा रही है। पश्चिम सिंहभूम जिला में चाईबासा से हाटगम्हरिया नेशनल हाइवे 75 सड़क की हालत इतनी खराब है कि आए दिन इस सड़क पर दुर्घटना होते रहती है। इसके अलावा सेरेंगसिया घाटी के तीखे मोड़, जगन्नाथपुर कालेज मोड़, जांगीबुरु घाटी समेत अन्य जगह ऐसी हैं जिनपर प्रत्येक दिन दुर्घटना होते रहती है। जनवरी से अक्टूबर तक का आंकड़ा देखें तो इसमें चाईबासा शहर व चक्रधरपुर शहर के अंदर मात्र 2 से 3 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई हैं। जबकि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए सड़क सुरक्षा के जिला मैनेजर शिव कुमार राय ने कहा कि जिले में हो रही सड़क दुर्घटना तेज रफ्तार व नशापान के कारण सबसे अधिक देखी जा रही है। कम उम्र के लड़कों को अभिभावक तेज रफ्तार से चलने वाली बाइक खरीद देते हैं। जिसपर कंट्रोल नहीं होना, हेलमेट का इस्तेमाल युवा करते नहीं हैं। ग्रमीण क्षेत्र में नशापान भी अधिक होता है। इसलिए दुर्घटना की संख्या शहर के मुकाबले ग्रमाीण क्षेत्र में 90 प्रतिशत अधिक हो रही है। प्रत्येक माह 4-5 मौतें नशापान व ओवर स्पीड के कारण हो रही है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से जगह-जगह पर जांच अभियान चलाकर चालान भी काटा जाता है। लोगों की काउंसलिंग भी की जाती है। वहीं सड़क सुरक्षा समिति की ओर से स्कूल, कॉलेज आदि जगहों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर सड़क दुर्घटना से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी भी दी जाती है।