मनोहरपुर में शराबबंदी को लेकर महिला समूहों ने मोर्चा खोला

प्रखंड के डुकुरडीह गांव में महिला समूहों ने शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोल दिया है। दर्जनों महिला समूहों की महिलाओं ने इसमें भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 08:03 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 08:03 PM (IST)
मनोहरपुर में शराबबंदी को लेकर महिला समूहों ने मोर्चा खोला
मनोहरपुर में शराबबंदी को लेकर महिला समूहों ने मोर्चा खोला

संवाद सूत्र, मनोहरपुर : प्रखंड के डुकुरडीह गांव में महिला समूहों ने शराबबंदी को लेकर मोर्चा खोल दिया है। दर्जनों महिला समूहों की महिलाओं ने इसमें भाग लिया। डुकुरडीहा और पाथरबासा गांव की 13 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अवैध शराब व हड़िया विक्रेताओं के खिलाफ एक मुहिम चलाई है। इस दौरान महिलाओं ने डुकुरडीह गांव में अवैध शराब और हड़िया बनाने वाले लोगों से मिलकर आइंदा ऐसे कार्य नहीं करने को लेकर चेतावनी दी। महिलाओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर वे लोग आगे से ऐसे कार्य करते रहेंगे, तो उनके विरुद्ध आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके तहत हंडिया व शराब बनाने वालों को 10 हजार और इनका सेवन करने वालों पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं मौके पर कुछ लोगों ने एसएचजी की महिलाओं से भी उलझने की कोशिश की। जिसका महिलाओं ने एकजुट होकर जवाब दिया और स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि कोरोना को देखते हुए गांव में इस तरह की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। महिलाओं ने यह भी बताया कि दोनों गांवों में दो सौ से ज्यादा परिवार हैं। शराब व हड़िया का निर्माण डुकुरडीह में होता है। जबकि इसका सेवन करने गांव के अलावा पाथरबासा व आसपास के गांवों के लोग भी आते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है। महिलाओं ने कोरोना से बचने के लिए लोगों को जरूरी सुझाव भी दिए। इस संबंध में ग्राम मुंडा अशोक महतो ने बताया की गांव में देसी शराब व हड़िया बनाकर बेचने का सिलसिला चालू है। शराब का सेवन करने के लिए दूसरे गांव से भी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। कोरोना संक्रमण को लेकर गांवों में प्रवासी मजदूर भी आ रहे हैं। ऐसे में डर लगा रहता है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति के यहां पहुंचने से काफी परेशानियों का सामना पड़ सकता है। मौकै पर माधुरी महतो, रेणु महतो, पोईदो महतो, भारती महतो, जयंती देवी, जितेन सांडिल, गुरुवारी सांडिल, शकुंतला मुंडारी, मुगली महतो, लीलमुनि महतो, प्रतिमा महतो, अलमोनी मुंडारी, सुनिया मुंडारी, सोनामुनि देवी के अलावा डुकुरडीह व पाथरबासा गांव के कुल 13 एसएचजी की काफी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।

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