जांगीबुरू गांव में सूख गये तीन तालाब, 800 की आबादी के सूख रहे कंठ

पश्चिम सिंहभूम जिले के मंझारी प्रखंड अंतर्गत जांगीबुरू गांव पानी की किल्लत से गुजर रहा है। गांव की कुल आबादी लगभग 800 के करीब है और गांव में कुल 8 तालाब है और पेयजल के लिए चार कुआं है और करीब 10 चापाकल (स्कूल और आंगनबाडी का चापाकल मिलाकर) है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 08:24 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 08:24 PM (IST)
जांगीबुरू गांव में सूख गये तीन तालाब, 800 की आबादी के सूख रहे कंठ
जांगीबुरू गांव में सूख गये तीन तालाब, 800 की आबादी के सूख रहे कंठ

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के मंझारी प्रखंड अंतर्गत जांगीबुरू गांव पानी की किल्लत से गुजर रहा है। गांव की कुल आबादी लगभग 800 के करीब है और गांव में कुल 8 तालाब है और पेयजल के लिए चार कुआं है और करीब 10 चापाकल (स्कूल और आंगनबाडी का चापाकल मिलाकर) है। इस भीषण गर्मी में सभी 8 तालाबों में पानी सूख गया है 4 में से 3 कुआं में पानी लगभग सूख चुका हैं और पीने योग्य भी नहीं बचा है। 10 चापाकल में से 6 चापाकल पूर्ण रूप खराब है, बाकी 2 चापाकल से 2-3 डेगची पानी निकलने के बाद बंद हो जाता है। आंगनबाड़ी का चापाकल सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा की पहल पर 17 अप्रैल 2021 को बना दिये जाने के बाद अभी चालू स्थिति में है और एक मात्र चापाकल जो स्कूल के अंदर में है अभी चालू स्थिति में है जो चारदीवारी के अंदर में है। वर्तमान समय में पेयजल के साथ-साथ मवेशियों को भी पानी पीने की किल्लत है। इसी के मद्देनजर रखते हुए ग्रामीणों ने एक बैठक की। इसमें खराब पड़े चापाकल को मरम्मत करने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन देने के निर्णय लिया गया और इसकी जिम्मेदारी ग्रामसभा के सदस्य हरिन तामसोय को दी। साथ ही इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी को पहले ही लिखित आवेदन दिया जा चुका है पर समाधान अभी तक नहीं किया गया। 29 अप्रैल को ट्वीट के मध्यम से मुख्यमंत्री, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री, उपायुक्त से मदद की गुहार लगाए जाने के बावजूद इसका अब तक समाधान नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों ने आक्रोश जाहिर किया है।

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