श्रमदान कर बनाई चलने लायक सड़क
जब प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सुध नहीं ली तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर करीब एक किलोमीटर जर्जर सड़क को मरम्मत कर बना दिया चलने लायक।
संवाद सूत्र, तांतनगर : जब प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सुध नहीं ली तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर करीब एक किलोमीटर जर्जर सड़क को मरम्मत कर बना दिया चलने लायक। प्रखंड के बामेहुटूब गांव से रूतासाई तक जाने वाली करीब एक किलोमीटर जर्जर सड़क का निर्माण नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने श्रमदान से चलने लायक बनाया है। इसके साथ ही सरकार को आईना दिखाने का कार्य किया है। रविवार को बामेहुटूब गांव के गुरुचरण सावैयां सहित दर्जनों महिला व पुरुष ग्रामीण एकत्रित होकर श्रमदान करते हुए स्वयं सड़क की मरम्मत में जुट गए। इसके पूर्व ग्रामीणों ने पहले गांव में एक बैठक कर जर्जर सड़क के गड्ढों में ट्रैक्टर से मिट्टी व पत्थर गिराकर सड़क मरम्मत करने का फैसला लिया। इसके बाद लिए गए निर्णय के अनुसार रविवार को सभी ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर जर्जर सड़क को मरम्मत कर चलने योग्य बनाया। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार आग्रह के बाद भी गांव की इस जर्जर सड़क का सुदृढ़ीकरण व कायाकल्प करने में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। सरकारी उपेक्षा के कारण इस जर्जर सड़क पर सफर करना मुश्किल हो गया था। अंतत: सरकार की उपेक्षा को देखते हुए ग्रामीणों ने सड़क को स्वयं दुरूस्त करने का निर्णय लिया और इसे सफल कर दिखाया। मौके पर तूराम सावैया, जुब्बल सावैया, सनातन महाराणा, मार्शल सावैया, लक्ष्मण सावैया, आनंद सावैया, गुरदीप सिंह रे सावैया, मोहन सिंह हेंब्रम, लाला बानरा, मागो बानरा, यादव सावैया, हीरा देवी, चंद्रावती सावैया, पालो कुई, चंचला कुमारी, हशमती हेंब्रम, भजमती कुई, मानी कुई, सुतरी सावैया, हेंदेमाई सावैया, मानी सावैया समेत काफी संख्या में महिला व पुरुष शामिल थे।