टाटा स्टील की काटामाटी खदान के विरोध में ग्रामीणों ने निकाला मशाल जुलूस

ओडिशा क्षेत्र की टाटा स्टील की काटामाटी खदान में स्थानीय को रोजगार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:11 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:11 PM (IST)
टाटा स्टील की काटामाटी खदान के विरोध में ग्रामीणों ने निकाला मशाल जुलूस
टाटा स्टील की काटामाटी खदान के विरोध में ग्रामीणों ने निकाला मशाल जुलूस

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : ओडिशा क्षेत्र की टाटा स्टील की काटामाटी खदान में स्थानीय को रोजगार देने की मांग एक साल बाद फिर से उठने लगी है। देवझर पंचायत के ग्रामीण प्रत्येक दिन देर शाम को अपने-अपने गांवों में मशाल जुलूस निकालकर कंपनी के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गत साल लगभग छह महीने तक काटामाटी खदान गेट समीप रोजगार की मुद्दे को लेकर आंदोलन किया गया था। आंदोलन से किसी को रोजगार तो नहीं मिला परंतु कंपनी ने आंदोलन में शामिल करीब 60 लोगों को जेल का रास्ता दिखा दिया था। गत साल 5 फरवरी की शाम को आंदोलन पर बैठे पुरुष व महिलाओं को हिरासत में लेकर बिलेईपदा ओपी में रखा गया था। इस बार इसी का हिसाब लिया जाएगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी पिछली बार पुलिस के बल पर ग्रामसभा कराने में सफल हुई थी। इस बार भी कंपनी के दलाल गांवों में आकर लोगों को दिग्भ्रमित कर ग्रामीणों के बीच 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपना कर चल रही है।

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अधिगृहित जमीन के रैयतों को आठ वर्ष से नहीं मिला मुआवजा

जासं, चाईबासा : तांतनगर-मझगांव वाया भरभरिया-कुमारडुंगी पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए अधिगृहित जमीन का मुआवजा राशि भुगतान करने को लेकर रैयतों ने उपायुक्त कार्यालय में आवेदन सौंपा है। आवेदन में बताया कि प्रभावित ग्रामीण किसानों की ओर से रैयती किसानों की जमीन वर्ष 2011-12 में ही पथ चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए अधिगृहित की गई थी। पथ निर्माण कार्य में प्रभावित किसानों की ओर से कोई आपत्ति नहीं किया गया और न ही पथ निर्माण कार्य में किसी प्रकार की बाधा डाली गई। इतना शांति पूर्वक पथ निर्माण कार्य संपादित किए जाने एवं कई वर्ष बीत जाने के बावजूद अधिगृहित जमीन का मुआवजा राशि प्रभावित किसानों को सरकार व विभाग की ओर से मुआवजा राशि भुगतान नहीं करना कितना सोचनीय, चिता व खेदजनक विषय है। प्रभावित किसानों की ओर से कई बार उपायुक्त कार्यालय में आवेदन दाखिल किया गया एवं कार्यालय का चक्कर लगाया गया, पर अबतक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया। प्रभावित किसानों ने उपायुक्त से मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है। आवेदन में गुरुचरण बिरुवा, शंकर बिरुवा, बुधन सिंह बिरुवा, जवाहर केशरी, दीनानाथ पान, स्वाधीन बिरुवा, निर्मल केशरी आदि के हस्ताक्षर हैं।

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