वेतन पर नहीं बनी बात, हड़ताल पर डटे रहे स्वास्थ्यकर्मी

झारखंड राज्य जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला शाखा के आह्वान पर सात माह से लंबित वेतन की मांग को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 08:05 PM (IST)
वेतन पर नहीं बनी बात, हड़ताल पर डटे रहे स्वास्थ्यकर्मी
वेतन पर नहीं बनी बात, हड़ताल पर डटे रहे स्वास्थ्यकर्मी

जागरण संवाददाता, चाईबासा : झारखंड राज्य जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला शाखा के आह्वान पर सात माह से लंबित वेतन की मांग को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल जारी है। सोमवार को भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने-अपने कार्यस्थल पर रहते हुए कार्य को बहिष्कार रखा। हड़ताल को खत्म कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग का कोई भी पदाधिकारी हड़ताली कर्मियों से वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। हालांकि सोमवार की दोपहर सिविल सर्जन कार्यालय से सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है। इसमें उन्हें आदेश दिया गया है कि वे लोग बीपीएम, बैम और हड़ताली प्रतिनिधियों के साथ वेतन भुगतान को लेकर मंगलवार को सुबह 11 बजे सदर अस्पताल के सभागार में बुलाई गयी बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करें। इधर, महासंघ के प्रभारी मंत्री मनोरंजन कुमार ने इस पत्र पर आपत्ति दर्ज की है। उनका कहना है कि इस तरह का पत्र जारी कर सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा हड़ताल कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। यह हड़ताल झारखंड राज्य जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला शाखा ने बुलाई है। ऐसे में वार्ता के लिए संघ के जिला, अनुमंडल अथवा प्रखंड मंत्री को बुलाना चाहिए। सिविल सर्जन ने अपने पत्र में हडताली कर्मियों का जिक्र किया है। वे ये स्पष्ट करें कि हड़ताली कर्मचारी वो किसे मान रहे हैं। संघ के प्रतिनिधियों से जब तक सीधी बात नहीं होगी तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम से जुड़ा कोई भी कर्मचारी सिविल सर्जन की ओर से बुलाई गयी बैठक में शामिल नहीं होगा।

----------------------

हम लोगों ने मंगलवार को सदर अस्पताल के सभागार में हड़ताली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया है। बैठक में उनकी समस्याओं को सुना जायेगा। साथ ही साथ विभाग अपनी स्थिति भी स्पष्ट करेगा। दरअसल, वेतन लंबित हो जाने का सबसे बड़ा कारण पर्याप्त आवंटन का नहीं मिलना है। अभी सरकार की ओर से 5 करोड़ रुपये आये थे। उसमें से 4 करोड़ वेतन में दे दिये हैं। एक करोड़ राशि बची है। वो भी 2-3 दिन में हस्तांतरित हो जाएगी। इसके बाद पुन: सरकार से वेतन भुगतान के लिए डिमांड की जायेगी।

-डा. बुका उरांव, सिविल सर्जन, पश्चिम सिंहभूम।

chat bot
आपका साथी