उरांव समुदाय का महान पर्व करमा आज

उरांव समुदाय का महान पर्व करमा गुरुवार से प्रारंभ हो गया। चाईबासा के सातों अखाड़ा सहित आसपास के गांवों में नया खान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:15 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:25 PM (IST)
उरांव समुदाय का महान पर्व करमा आज
उरांव समुदाय का महान पर्व करमा आज

जागरण संवाददाता, चाईबासा : उरांव समुदाय का महान पर्व करमा गुरुवार से प्रारंभ हो गया। चाईबासा के सातों अखाड़ा सहित आसपास के गांवों में नया खान किया गया। समुदाय के सभी लोगों ने अपने-अपने घरों में नए अन्न को अपने पूर्वजों व अपने इष्ट देवता धर्मेश को चढ़ावा कर पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात प्रसाद के रूप में नया अन्न ग्रहण किया गया। 17 सितंबर को करमा त्योहार धूमधाम एवं हर्षोल्लास तथा पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। राजी करम त्योहार (भादो एकादशी व्रत) हमारे पूर्वजों की देन है जिसे हम उरांव आदिवासी युगो-युगो से मनाते आ रहे है। यह महान सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक व्रत करमा और धरमा दो महान वीरों के कर्म-धर्म एवं सत्य की शक्ति से सृजन हुआ है। आज भी भारत वर्ष के विभिन्न जातियों द्वारा विभिन्न प्रांतों में विशेषत: छोटानागपुर के कोने-कोने में अलग-अलग रस्मों से इस महान करमा पूजन (व्रत) को बड़ी श्रद्धापूर्वक तरीके से मनाया जाता है। इस वर्ष भी भादो एकादशी के शुक्ल पक्ष में करमा त्योहार बड़ी सादगी के साथ मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर पश्चिम सिंहभूम उरांव समाज संघ चाईबासा के सभी माता-पिता भाई-बहन तथा बच्चों को हार्दिक धन्यवाद दिया और नेक कर्म के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया, कितु जैसा कि सर्वविदित है कि वर्तमान समय में पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोरोना संक्रमण नामक की समस्या से जूझ रहा है। इससे बचाव के लिए सरकार ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसका अनुपालन हमें आवश्यक रूप से करते हुए अपने पारंपरिक करमा त्योहार को मनाना है। इस संकट की घड़ी में सार्वजनिक हित एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपनी परंपरा का निर्वाहन करना है। उरांव समाज संघ की निर्देशों का पालन करते हुए त्योहार (करमा पूजन) को विधिपूर्वक सादगी से मनाने का आह्वान किया गया।

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