मजदूरों के खाते में आई राशि, बोले बड़े घोटाले की है आशंका

जागरण संवाददाता चक्रधरपुर ठेका कंपनी की कार्य अवधि में मजदूरों के शोषण को देखते हुए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:14 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 08:14 PM (IST)
मजदूरों के खाते में आई राशि, बोले बड़े घोटाले की है आशंका
मजदूरों के खाते में आई राशि, बोले बड़े घोटाले की है आशंका

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : ठेका कंपनी की कार्य अवधि में मजदूरों के शोषण को देखते हुए चार यूनियन भारतीय मजदूर संघ झारखंड, मजदूर संघर्ष संघ, इंटक और एटक संयुक्त होकर छंटनी हो चुके 491 मजदूरों को वापस काम में रखने, हाजिरी सिस्टम (अर्ध कुशल श्रेणी) करने आदि अन्य मांगों को लेकर मजदूरों के पक्ष में धरना आंदोलन कर रही हैं। इसी अंतराल में अबतक सेल प्रबंधन और ठेका कंपनी की कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं निकल सका है और धरना देते एक महीना बीत चुका है। ठोस निर्णय नहीं निकलने के कारण मजदूर काम पर नहीं लौट नहीं पा रहे हैं। मजदूरों ने ने बताया कि ठेका कंपनी ने किसी के खाता में छंटनी के पैसा दो हजार तो किसी के खाते में 30 हजार भेजा है। मजदूरों को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है कि उनके खाते में किस मद का पैसा डाला गया है। इस वजह से मजदूर खाते में डाली गई राशि की निकासी और खर्च नहीं कर रहे हैं। तो 18 के बाद सेल कार्यालय पर लग जाएगा ताला

गुरुवार को मजदूरों के बैंक खाते में बिना जानकारी उपलब्ध कराए राशि डालने और मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर चिरिया सेल ऑफिस में महाप्रबंधक से मिलकर अल्टीमेटम दिया। यूनियनों नेताओं ने कहा कि जल्द ठेका कंपनी से वार्ता कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करा समस्याओं का निदान कराएं अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें। यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि इस महामारी काल में लॉकडाउन में एक महीने से माइंस बंद है। मजदूरों के पास दूसरा कोई काम नहीं है। मजदूरों का परिवार भुखमरी की कगार पर है। ऑफिस में कार्यरत कर्मी, सेल कंपनी के अधिकारियों का काम चालू है और नियमित वेतन प्राप्त कर रहे हैं। उनका भी वेतन बंद होना चाहिए। समाधान नहीं निकलने पर सेल ऑफिस को अनिश्चितकाल के लिए तालाबंदी कराया जाएगा। इसपर सेल प्रबंधन ने स्वतंत्रता दिवस के बाद कंपनी से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। वहीं मजदूरों ने 18 तारीख को भी बात नहीं बनने पर तालाबंदी करने का निर्णय लिया। ठेका कंपनी पर है गंभीर आरोप

चिरिया माइंस के धोबिल माइंस में 2017 में मेमर्स नारायणी संस प्राईवेट लिमिटेड कंपनी एनएसपीएल को मनोहरपुर अयस्क खान चिरिया में खनन और ट्रांसपोर्टिंग का कार्य दिया गया था। निविदा कार्य अवधि 11 जुलाई 2020 तक रही। मजदूरों ने ठेकेदार मेमर्स नारायणी संस प्रालि कंपनी पर आरोप लगाया है कि ठेका कंपनी ने 12 जुलाई 2017 से 11 जुलाई 2020 तक की कार्य अवधि में खासकर खनिक मजदूरों के साथ कई प्रकार का शोषण किया। मजदूरों की हाजिरी में भारी गड़बड़ी की गई। 26 दिन खदान जाने पर भी 6-7 दिन की ही हाजिरी बनी। जिससे उन्हें न्यूनतम मजदूरी भत्ता से वंचित होना पड़ा। मजदूरों को प्रत्येक दिन काम उपलब्ध नहीं कराया गया। साथ ही टन में कटौती की गई। प्रति 10 टन में मात्र तीन टन का पैसा दिया गया। क्या कहते हैं मजदूर व यूनियन नेता

मेरे बैंक खाते में तीन बार पैसा डाला गया है। अब तक कुल 30 हजार खाते में आए हैं। यह राशि किस मद में और क्यों दी गई है, यह समझ में नहीं आ रहा है। छंटनी का पैसा डाला है या 11 जुलाई तक काम करने या फिर बोनस है। यह सेल कंपनी अथवा ठेका कंपनी की ओर से डाला गया है, इसकी भी किसी प्रकार की जानकारी हम लोगों को नहीं है।

बिदु चाम्पिया, ठेका मजदूर, धोबिल गांव।

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मेरे बैंक खाते में कुल 26 हजार रुपये डाले गए हैं। इसमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं है कि किस-किस मद से कितनी राशि डाली गई है। इसका पूरा विवरण होना चाहिए। राशि का विवरण लिखित रूप से दिया जाए। मेरे जैसे सभी ठेका मजदूरों के बैंक खाते में डाले गए पैसे का हिसाब देना होगा।

- रेबा शंकर सांडिल, ठेका मजदूर।

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महीना बीतने के बावजूद मजदूरों की सुध लेने के लिए सेल कंपनी और न ठेका कंपनी आगे आ रही है। मजदूरों के सब्र का बांध टूट रहा है। मरता क्या ना करता की परिस्थिति मजदूरों के सामने आ गई है। इसलिए समय रहते सेल व ठेका कंपनी मजदूरों की मांगों को मानते हुए माइंस चालू कराएं, अन्यथा परिणाम नुकसानदेह होगा।

- रामा पांडेय, यूनियन नेता।

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2017 में भी मजदूरों के बैंक खाते में जबरन पैसा डाला गया था। इस बार भी बिना सूचना के मजदूरों के बैंक खातों में पैसा डाला गया है। मजदूरों का हक है कि इसकी उन्हें जानकारी हो। पैसों के बहुत बड़े घोटाले का अंदेशा प्रतीत हो रहा है। हमने सेल कम्पनी से मांग की है कि जिन भी मजदूरों के बैंक खाते में राशि दी गई है, उसका मदवार विवरण उपलब्ध कराएं।

- नवल किशोर सिंह, यूनियन नेता।

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