हाथी के पटककर दो लोगों की मौत से गांव में छाया मातम, नहीं जले चूल्हें

पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनासाई जंगल में दो दिन पूर्व दो उग्र हाथियों ने बैल खोजने गए दो किसानों को पत्थर में पटककर मार दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:29 PM (IST)
हाथी के पटककर दो लोगों की मौत से गांव में छाया मातम, नहीं जले चूल्हें
हाथी के पटककर दो लोगों की मौत से गांव में छाया मातम, नहीं जले चूल्हें

संवाद सूत्र, कुमारडुंगी : पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनासाई जंगल में दो दिन पूर्व दो उग्र हाथियों ने बैल खोजने गए दो किसानों को पत्थर में पटककर मार दिया था। करीब 24 घंटे बाद जब दोनों के मृत होने की खबर गांव में फैली तो पूरा गांव गमगीन होकर रो पड़ा। लोगों में दोनों के शव की एक झलक पाने के लिए काफी बेसब्री रही। कोविड-19 के सारे नियम कानून तोड़कर भीड़ जमा हो गई। दोनों मृतक रतनासाई गांव के ही ममेरे भाई थे। मृतक अमोस बागे रतनासाई ग्रामीण मुंडा महेन्द्र बागे का बेटा था। साथ ही वन सुरक्षा समिति का अध्यक्ष भी था। मुंडा का भगिना मृतक खगेश बिरुवा रतनासाई गांव क्षेत्र से जमशेदपुर जाने वाली दिव्या बस का चालक था। दोनों काफी मिलनसार थे। मंगलवार को घटना के बारे में जब पुलिस प्रशासन व वन विभाग को जानकारी मिली तो ग्रामीणों के साथ खटिया लेकर 5 किलोमीटर जंगल के अंदर गए। दोनों के शव को ग्रामीणों, समाजसेवी व मजदूर नेता ने मिलकर खटिया में ढोकर बाहर निकाला। शव के बाहर निकलते ही पूरा गांव रोते हुए भीड़ उमड़ पड़ी। रोते हुए खगेश की बेटी बेहोश हो गई। करीब आधा घंटा बाद शव को कुमारडुंगी थाना ले जाया गया। वहां से पुलिस प्रशासन ने दोनों शव को अपने कब्जे में लेकर थाना ले गई। बुधवार के दिन दोनों शवों का पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा सदर अस्पताल भेज दिया गया। दोनों मृतक गांव के चहेते थे। दोनों की मौत पर पूरा गांव गमगीन रहा। मंगलवार शाम को किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। बुधवार के दिन पोस्टमार्टम होने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। बुधवार को दोनों मृतक के जन्म स्थान रतनासाई में ही दोनों के शव का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक खगेश बिरुवा की दो पत्नी हैं। बड़ी पत्नी गनोर बिरुवा की दो बेटी व एक बेटा है। वहीं दूसरी पत्नी जानो बिरुवा की एक बेटी व दो बेटे हैं। वह अपने पीछे छह बच्चों समेत दो पत्नियों को छोड़ गया है। वहीं मृतक आमोश बागे के दो बेटे हैं। पत्नी अनीता बागे के साथ वह तीन लोगों को पीछे छोड़ गया है।

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