एससी-एसटी एसोसिएशन ने किया धरना-प्रदर्शन

रेलवे में किए जा रहे निजीकरण व निगमीकरण के विरोध में ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे इंम्पलाइज एसोसिएशन ने डीआरएम कार्यालय के समीप 8 सूत्री मांगों को लेकर धरना- प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:14 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:15 AM (IST)
एससी-एसटी एसोसिएशन ने किया धरना-प्रदर्शन
एससी-एसटी एसोसिएशन ने किया धरना-प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : रेलवे में किए जा रहे निजीकरण व निगमीकरण के विरोध में ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे इंम्पलाइज एसोसिएशन ने डीआरएम कार्यालय के समीप 8 सूत्री मांगों को लेकर धरना- प्रदर्शन किया। तदोपरांत एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का मांगपत्र चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम विजय कुमार साहू को सौंपा। धरना-प्रदर्शन के दौरान एसोसिएशन के मंडल सचिव बसंत लाल ने कहा कि सबसे पहले भारतीय रेलवे में सफाई वाले पद समाप्त कर आउटसोर्स किया गया । इसके बाद अब धीरे-धीरे अन्य विभागों के कार्य आउटसोर्स कर दिए गए अनेक पद समाप्त कर दिए गए, जिसके कारण भारतीय रेल का कैडर जो कभी 16 लाख था, वह घटकर 13 लाख हो गया है। इसके बाद कुछ रेलवे स्टेशनों का निजीकरण कर दिया गया है। सरकार ने रेलवे की उत्पादन ईकाइयों के निगमीकरण के आदेश दिए । यदि निजीकरण के माध्यम से या किसी भी स्तर पर नियुक्ति या पदोन्नती में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो यह हमारे साथ धोखा है। इस मौके पर एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष जीजी राजलु, मंडल सचिव बसंत लाल, कोषाध्यक्ष उमाशंकर प्रसाद, चक्रधरपुर शाखा अध्ययक्ष एके तुबीद, सचिव प्रदीप मुखी, समीर मुखी, धुमा सरदार, मिथलेश रजक, सानू महाली, शंभु कारवा, शंकर महाली, सिंह सोय सहित दर्जनों की संख्या में एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे। एसोसिएशन ने इन मांगों को लेकर किया विरोध-प्रदर्शन :

: भारतीय रेल में निजीकरण व निगमीकरण को तत्काल बंद किया जाए, रेलवे को प्राइवेट ऑपरेटर को सौंपने के निर्णय को वापस लिया जाए, क्योंकि निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं है।

: भारतीय रेल में 50 फीसद रिक्त पदों को समाप्त करने के निर्णय को वापस लिया जाए जिनमें आरक्षित पद भी शामिल है।

: निजी क्षेत्र व न्यायपालिका में आरक्षण लागू किया जाए एवं इंडियन जुडिशल सर्विसेज का गठन किया जाए जिसका भारतीय संविधान में पहले से ही प्रावधान है ।

: वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का आरक्षण का प्रतिशत बढाकर 17फीसद व 9 फीसद किया जाए क्योंकि लोकसभा व विधानसभा में तदनुसार आरक्षित सीट पहले ही बढ़ा ली गई हैं।

:भारत में समान शिक्षा लागू की जाये. शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद किया जाये । गरीब व अमीर दोनों के बच्चे एक ही स्कूल में पढ़े ।

: पदोन्नति में आरक्षण को सुरक्षित करने के लिए 117 वां संविधान संशोधन विधेयक पास किया जाये जो कि 2012 में राज्यसभा में पहले ही पास हो चूका है ।

:जमीन का समान बंटवारा किया जाए व सभी धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर में आरक्षण लागू किया जाए क्योंकि कुछ वर्गों को इनमे अपरोक्ष रूप से आरक्षण दें रखा है ।

:पूना पैक्ट शत प्रतिशत लागू करो वरना बाबा साहेब की पृथक निर्वाचक मंडल व दो वोट के अधिकार की मूल मांग पूरी करो ।

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