मझगांव बस्ती में कोविड-19 अस्पताल बनाने का बस्ती वासियों ने किया विरोध
मझगांव बस्ती के अंदर अवस्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास को अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाने पर बस्ती वासियों ने आपत्ति की है।
संवाद सूत्र, मझगांव : मझगांव बस्ती के अंदर अवस्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास को अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाने पर बस्ती वासियों ने आपत्ति की है। मंगलवार को बस्ती के लोगों ने जिला उपायुक्त के नाम सामूहिक आवेदन मझगांव बीडीओ वीरेंद्र किडो को सौंपा। बस्ती के लोगों का कहना है कि मझगांव थाना समीप बस्ती के बीचों-बीच आदिवासी कल्याण छात्रावास है। इसके अगल-बगल सैकड़ों परिवार निवास करते हैं। सैकड़ों परिवारों के बीच पेयजल की घोर समस्या है। बस्तीवासी छात्रावास परिसर के नलकूप एवं कुआं पर आश्रित रहते हैं। प्रखंड प्रशासन की और से आदिवासी छात्रावास परिसर की साफ-सफाई करवाकर अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। पहले लाकडाउन में प्रशासन द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय व राजकीय उच्च विद्यालय मझगांव को कोविड सेंटर बनाया गया था। वर्तमान में कोरोना संक्रमण बीमारी काफी तेज गति से फैल रही है। प्रशासन का मझगांव के भीड़भाड़ वाले जगहों पर अस्पताल बनाने का निर्णय पूरी तरह गलत है। छात्रावास के चारों ओर बस्ती है। अधिकतर परिवार आदिवासी छात्रावास में बने कुआं व नलकूप के भरोसे रहते हैं। बस्ती के अंदर अस्थाई अस्पताल रहेगा तो इससे बस्ती के अंदर संक्रमण फैलने की संभावना अत्यधिक बन सकती है। बस्ती वासियों के लिए पेयजल का कोई दूसरा स्त्रोत नहीं है। लगभग घर छात्रावास के चारदीवारी से सट कर बने हैं। इसके लिए जिला प्रशासन छात्रावास परिसर में अस्थाई अस्पताल नहीं बनाकर मझगांव बस्ती से दूर बनाए जाने से ज्यादा बेहतर होगा। लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन हमारी बातों पर अमल नहीं करती है तो मजबूरन पूरे बस्तीवासी सड़क पर उतर कर धरना देने के लिए विवश होंगे।