ट्रेन से 10-12 व्यक्तियों के कटने की सूचना से मची अफरा-तफरी
मंगलवार की दोपहर में एक सनसनीखेज खबर फैली की केंद्रपोसी-मालुका रेलवे स्टेशन के बीच पाताहातु गांव के सामने (पूर्व सीएम मधु कोड़ा व वर्तमान सांसद गीता कोड़ा का गांव) रेल लाइन पर ट्रेन से 10-12 व्यक्ति कट गए।
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : मंगलवार की दोपहर में एक सनसनीखेज खबर फैली की केंद्रपोसी-मालुका रेलवे स्टेशन के बीच पाताहातु गांव के सामने (पूर्व सीएम मधु कोड़ा व वर्तमान सांसद गीता कोड़ा का गांव) रेल लाइन पर ट्रेन से 10-12 व्यक्ति कट गए। घटना की खबर जगन्नाथपुर सहित आसपास क्षेत्र में जंगल में लगी आग की तरह फैली गई। घटना की सूचना जगन्नाथपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप उरांव को मिली तो वो जगन्नाथपुर पुलिस के साथ मालुका रेलवे स्टेशन और पाताहातु गांव पहुंचे। वहां, आसपास गांव के लोग भी पहुंचे लेकिन ट्रेन से 10-12 व्यक्ति के कट जाने की खबर अफवाह निकली। पुलिस ने विभिन्न रेल अधिकारी, कर्मचारी, ग्रामीणों से घटना की सत्यापन को लेकर पूछताछ की। पाताहातु गांव के रेलवे ट्रैक सहित अन्य क्षेत्र के रेलवे ट्रेक का जायजा भी लिया गया पर कहीं पर भी इस तरह की किसी रेल घटना की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप उरांव, देवसाय भगत, सहायक अवर निरीक्षक तारकनाथ सिंह, उमेश प्रसाद, ब्रजेश कुमार, पवन कुमार, अभय कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी व सुरक्षा बल करीब दो घंटे के बाद वापस थाना लौट आए। रेलवे की इंटरनल मॉकड्रिल से मचा रहा हड़कंप
इधर, रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाताहातु रेलवे लाइन क्षेत्र में रेलवे विभाग ने सुरक्षा के दृष्टीकोण से मॉकडिल किया था। इस दौरान डांगुवापोसी स्टेशन में करीब एक बजे पांच बार हुटार बजा था। इससे पहले करीब 12.30 बजे पाताहातु में एक मालगाड़ी के करीब दस-बारह बोगी के डिब्बे इंजन से अचानक अलग कर दिए गए थे। हुटार बजते ही लाइन पर काम कर रहे सभी रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। साथ ही ग्रामीणों को भी लगा की रेलवे क्षेत्र में कोई बड़ी घटना तो नही हो गई। घटना को जानने के लिए कर्मचारी और ग्रामीण इधर उधर जानकारी लेने में जुट गए। बाद में पता चला की रेलवे की यह मॉकड्रिल थी जो पाताहातु किलोमीटर संख्या 354 आसपास रेलवे ट्रेक पर की गई थी। इंजन से अलग हुए बोगी को इंजन से जोड़ने के लिए संबंधित पदाधिकारी, रेलकर्मी हुटर बजते ही पाताहातु पहुंचे और इंजन से अलग हुए बोगी को इंजन में जोड़कर मालुका स्टेशन की तरफ रवाना कर दिया। डांगुवापोसी सेक्शन के एक पदाधिकारी व आरपीएफ के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह मात्र रेलवे की इंटरनल मॉकड्रिल थी।