हार-जीत का गुणा-भाग लगाने में मशगूल हुए प्रत्याशी
पश्चिमी सिंहभूम की पांच विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद अब राजनीतिक दलों की निगाह हार-जीत पर टिक गई है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम की पांच विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म होने के बाद अब राजनीतिक दलों की निगाह हार-जीत पर टिक गई है। चाईबासा, चक्रधरपुर, मझगांव, जगन्नाथपुर और मनोहरपुर को मिलाकर कुल 68 प्रत्याशियों ने इस बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है। अब 23 दिसंबर तक हार-जीत के आंकड़े हर दिन बदलेंगे। वैसे मतदान होने के बाद पार्टी कार्यालयों में रोज की तरह रविवार को चहल-पहल नहीं दिखी। झामुमो, भाजपा, झाविमो व कांग्रेस के कार्यालयों में जहां सन्नाटा पसरा रहा, वहीं अन्य प्रत्याशियों के कार्यालय बंद नजर आए। चार प्रमुख राजनीतिक दलों के पार्टी प्रत्याशी व जिलाध्यक्ष समर्थकों के साथ वोटों के जोड़-घटाव में ही मशगूल रहे और समर्थकों व मतदाताओं को धन्यवाद भी देते रहे। चूंकि रविवार को ही चाईबासा स्थित महिला कॉलेज में तैयार किए गए स्ट्रांग रूम में पांचों विधानसभा की ईवीएम जमाकर सील करने व स्क्रूटनी की प्रक्रिया पूरी की जानी थी इसलिए प्रत्याशी अलग-अलग समय पर यहां पहुंचे थे। झामुमो प्रत्याशी दीपक बिरुवा, झाविमो प्रत्याशी मंगल सिंह गिलुवा, आजसू के रामलाल मुंडा समेत अन्य प्रत्याशी हर मिलने वाले व्यक्ति को बधाई देते नजर आए। किसी से कोई शिकवा व शिकायत नहीं थी। यही कहते रहे कि सबका सहयोग मिला। स्ट्रांग रूम के बाहर राजनीति से हटकर रामलाल मुंडा व दीपक बिरुवा आपस में बातचीत भी करते नजर आए। वहीं भाजपा के प्रत्याशी वोटों के जोड़-घटाव का हिसाब लगाने में समर्थकों के साथ जुटे थे। कहां कितना वोट मिला होगा, भाजपा को कितना मिला होगा? झामुमो को कितना वोट पड़ा होगा? यहीं आंकड़ा लगाने में जुटे थे। जोड़-घटाव से फुर्सत मिली तो पार्टी प्रत्याशियों ने खूब आराम किया। आराम के साथ-साथ मोबाइल के जरिए समर्थकों व पदाधिकारियों से चुनाव की स्थिति जानने का प्रयास भी करते रहे।
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चाय-पान की दुकानों में होती रही चुनावी चर्चा
चाईबासा विधानसभा क्षेत्र की चाय-पान की दुकानों में हर पल प्रत्याशी जीत व हार रहे हैं। इन दुकानों में रविवार को चाय की चुस्की के बीच बैठकबाजों की बहस दिनभर गरम रही। कोई भाजपा को जीता रहा था तो कोई झामुमो को। निर्दलीय प्रत्याशियों की भी चर्चा हार-जीत के आंकड़ों में जरूर होती थी। कौन कहां से किसको मात दे रहा है, इसका पूरा लेखा-जोखा लेकर लोग बैठे कयासबाजी कर रहे थे। रूंगटा चौक रहा हो अथवा बड़ी बाजार, सभी जगह हार-जीत पर खुली बहस जारी है। यही नजारा जगन्नाथपुर, मझगांव, चक्रधरपुर और मनोहरपुर के चौक-चौराहों की दुकानों में देखने को मिला।