रांची में 19 अक्टूबर को बदलाव यात्रा का होगा अंतिम पड़ाव
झामुमो पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि राज्य सरकार विकास के मामले में दिशा व दशा तय करने में विफल साबित हो रही है।
संवाद सूत्र, नोवामुंडी : झामुमो पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि राज्य सरकार विकास के मामले में दिशा व दशा तय करने में विफल साबित हो रही है। समूचा देश आर्थिक मंदी की दौर से गुजर रहा है। अधिकतर स्कूलों को बंद करा दिया गया है। बेरोजगारों में पलायन का दौर जारी है। विकास योजनाओं में कमीशन खोरी चरम पर है। प्रखंड स्तरीय कार्यालयों में जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र बनना बंद है। पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा गुरुवार को झामुमो की ओर से नोवामुंडी में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। मौके पर पत्रकारों को उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को रांची में बदलाव यात्रा का अंतिम पड़ाव है। इस दिन जिले से 10 हजार समर्थक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। बताया कि संविधान को नजरअंदाज कर कानून व्यवस्था चलाई जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास झामुमो की ओर से आयोजित बदलाव यात्रा से पूरी तरह घबरा गए हैं। विकास के नाम पर आपस में लड़ाकर फूट डालो राज करो नीति अपना कर चल रहा है। उन्होंने पिछले दिनों अपनी गलती को छिपाने के लिए जोहार जन-धन योजना पदयात्रा कर अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। पांच साल तक लौहांचल में नहीं आने वाले मुख्यमंत्री को विधानसभा चुनाव की आहट से जनता की याद कैसे ख्याल आने लगा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारे लगाने वाली सरकार ने रांची में आंदोलन के दौरान आंगनबाड़ी सेविकाओं और पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज कराया। यदि भाजपा सरकार अगले विधानसभा चुनाव में इवीएम के जगह बैलेट से चुनाव कराती है तो भाजपा की हार निश्चित है। झामुमो झामुमो केंद्रीय सदस्य सह जिला प्रवक्ता इकबाल अहमद ने बताया कि 26 अगस्त से बदलाव यात्रा शुरू हुई थी। समूचे देश में हिदू-मुस्लिम की बात पर जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। सरकार एक ओर विकास की बात करती है दूसरी ओर बालू घाटों को बंद कर मकान बनाने में भी लोगों को दिक्कत पहुंचाने का काम कर रही है। नवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा सरकार विकास को डबल इंजन की सरकार का हवाला देकर लोगों को लूटने का काम कर रही है। स्थानीय नीति में आदिवासी व मूलवासियों को जमीन से बेदखल करने की योजना शुरू की गई है। मौके पर शहीद आलम, सोनाराम पुरती, डेबराम तुबिद, जयराम बारजो, अजय पुरती आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।