नाबालिग को पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सौंपा
अक्सर यह बात कहने सुनने को मिलती है कि फलां बच्चा कहीं खो गया है और उसके माता-पिता उसे खोज रहे है पर एक वाक्य ऐसा भी हुआ कि एक नाबालिग बच्ची अपने पिता को खोजने बिना किसी डर भय के निकल पड़ी।
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : अक्सर यह बात कहने सुनने को मिलती है कि फलां बच्चा कहीं खो गया है और उसके माता-पिता उसे खोज रहे है, पर एक वाक्य ऐसा भी हुआ कि एक नाबालिग बच्ची अपने पिता को खोजने बिना किसी डर भय के निकल पड़ी। बच्ची अपने पिता की तलाश में पिछले चार दिन से दर-दर भटक रही है, एक बच्ची को जगन्नाथपुर पुलिस ने शनिवार को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। बच्ची नाबालिग है जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष है। वह सरायकेला-खारसावां जिले की रहने वाली है। उसके पिता के अलावा फिलहाल उसका और कोई नहीं है। बच्ची कहती है कि जब वह छोटी थी तो उसकी माता का देहांत हो गया था। वह खरसावां के एक सरकारी मध्य विद्यालय में पढ़ाई करती है। बीते रविवार से उसके पिता कही चले गए हैं। वह अपने पिता को खोजने के लिए पैदल ही अपना बैग और पानी की एक बोतल लेकर निकल गई है। इस दौरान वह चाईबासा, झींकपानी होते हुए बीते शुक्रवार देर शाम को पिता को खोजते हुए हाटगम्हरिया-जैंतगढ़ एनएच 75 किनारे स्थित गांव बिनसाई होटल के पास पहुंच गई। जब लोगों ने पूछताछ किया जो उसने आपबीती सुनाई। हालांकि बच्ची का कहना है कि उसके पिता मानसिक रूप से ठीक हैं, पर कही चले गए हैं। वे मिल नहीं रहे हैं। अब वह घर भी नहीं जाना चाहती है। उसके पिता ही उनके लिए सबकुछ हैं। बच्ची को बिनसाई की आंगनबाड़ी सेविका ने अपने पास बाल सुरक्षा की सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए कुछ घंटा शुक्रवार को रखा। जगन्नाथपुर पुलिस तथा बाल अधिकार पर कार्यरत एस्पायर संगठन के प्रतिनिधि को इस नाबालिग बच्ची के बारे जानकारी सेविका द्वारा दी गई। रात में ही थाना प्रभारी यशराज सिंह, सअनि दिलीप कुमार, एस्पायर कोऑर्डिनेटर रविद्र राठौड़, आरबीसी प्रभारी यामुना लागुरी, अरुण कुमार गोप, प्रीतम गोप बिनसाई सेविका के घर पहुंचे। बच्ची को अपने साथ थाना ले आए। बाद में पुलिस ने एस्पायर द्वारा संचालित बालिका आरबीसी को बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए सौंप दिया। शनिवार को सुबह चाइल्ड लाइन टीम लीडर पूर्वा सिंह, सदस्य अनीता कालुंडिया, अनिल नायक थाना आए। सारी कागजी प्रक्रिया के बाद पुलिस ने बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया।