रोरो नदी के तट पर छठव्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य

पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा शहर के रोरो नदी के तट पर रविवार को लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ में भगवान सूर्य को पहला अ‌र्घ्य समर्पित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:39 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:39 PM (IST)
रोरो नदी के तट पर छठव्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य
रोरो नदी के तट पर छठव्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा शहर के रोरो नदी के तट पर रविवार को लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ में भगवान सूर्य को पहला अ‌र्घ्य समर्पित किया गया। छठव्रति रोरो नदी के पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य दिया। महिला-पुरुष भक्त सिर पर दउरा लेकर नदी की ओर 4 बजे से ही आना शुरू हो गया था। कई भक्त केले की घमर लिए नदी की ओर बढ़ रहे थे। साथ ही कई भक्त ऐसे थे जिनको सिर्फ अ‌र्घ्य देना था, वह भी सीधे नदी की ओर कूच कर रहे थे। भक्तों में पूरी आस्था साफ तौर पर दिख रही थी। इस साल चैती छठ में श्रद्धालुओं में उत्साह भरा माहौल नहीं दिखा। क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कई व्रतियों ने छठ पर्व करना रद किया और कुछ लोग अपने घर पर रहकर ही चैती छठ मना रहे हैं। चैती छठ के पहले दिन व्रतियों ने नहाय-खाय के संकल्प के तहत स्नान करने के बाद अरवा चावल का भोजन ग्रहण कर इस व्रत की शुरुआत की। महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु पूरे दिन बिना जलग्रहण किये उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा किया और उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किया। अब उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है। इस महापर्व के तीसरे दिन यानी की रविवार को व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अ‌र्घ्य अर्पित किया। वहीं सोमवार को उदयीमान भास्कर को दूसरा अ‌र्घ्य देने के बाद पर्व का समापन किया जाएगा। दूसरा अ‌र्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होगा और वे अन्न-जल ग्रहण करेंगे। परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित (पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है और न ही मंत्रोच्चारण की कोई जरूरत है। छठ पर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।

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