कागज में ओडीएफ, जमीन पर चमक रहा लोटा

मनीष दास चाईबासा सरकार की ओर से पश्चिम सिंहभूम जिला को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी नद

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 08:40 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 08:40 PM (IST)
कागज में ओडीएफ, जमीन पर चमक रहा लोटा
कागज में ओडीएफ, जमीन पर चमक रहा लोटा

मनीष दास, चाईबासा : सरकार की ओर से पश्चिम सिंहभूम जिला को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी नदी, तालाब, खेत व रेल पटरियों के किनारे लोटे की चमक केन्द्र सरकार कि योजनाओं पर सवाल खड़े कर रही है। पश्चिमी सिंहभूम जिले में शौचालय की जमीनी हकीकत साफ बयां कर रही है कि केन्द्र सरकार की योजनाओं की धरातल पर क्या दशा होती है। योजना को पूर्ण दिखाने के लिए पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि जस-तस कर कुछ गांव में शौचालय निर्माण कर जिले को कागजी तौर से हर घर सुलभ शौचालय बना दिया है। कई गांव में तो अब तक एक भी शौचालय नहीं बनाया गया है। पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा से सटे झींकपानी प्रखंड की ही हम बात करते है। मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी में स्थित झींकपानी प्रखंड की कुल आबादी 53,792 है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र की आबादी 40,724 है तथा शहरी क्षेत्र की आबादी 13,068 है। प्रखंड में महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक है। महिलाओं की संख्या 27,472 तथा पुरुषों की संख्या 26,320 है। प्रखंड में साक्षरता दर 25,988 है। जिसमें महिलाओं की साक्षरता दर 10,630 है। प्रखंड में कुल सात पंचायत हैं जिसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रखंड में कुल 3339 शौचालय बने हैं। इसमें डीएमएफटी फंड से 2017-18 में कुल 823 शौचालय बने हैं। इन्हीं आंकड़ों के सहारे झींकपानी प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। शौचालय की जमीनी हकीकत सभी गाव मे देखने को मिल जाती है। कहीं शौचालय के ऊपर का छज्जा उड़ा हुआ हुआ है तो कई शौचालयों के दरवाजे निकलकर फेंके गए हैं। प्रखंड में कई ऐसे भी गांव है जिनमें अबतक एक भी शौचालय नहीं बना है। आज भी प्रखंड की कई महिलाएं खुले में शौच करने के लिए ही मजबूर हैं।

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जोड़ापोखर व लोकेसाई में 250 घर, शौचालय बने 86

झींकपानी प्रखंड पूरी तरह से ओडीएफ घोषित हो चुका है। जोड़ापोखर पंचायत के दो गांव जिसमें जोड़ापोखर व लोकेसाई है। पूरी पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन से मात्र 86 शौचालय बने हैं जबकि पंचायत में कुल घर करीब 250 हैं। जोड़ापोखर के गुदड़ी हाटिग व तक्ताबाजार में एक भी शौचालय नहीं बना है। शौचालय नहीं बनने से सुबह होते ही वहां के लोग लोटा लेकर रेल पटरी की ओर निकल जाते हैं। गुदड़ी हाटिग व तक्ताबाजार शहरी क्षेत्र है। रोशनी होते ही यहां लोगों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। किसी दिन देरी हो जाने से लोगों को शौच के लिए उस दिन काफी परेशानी होती है। दोनों जगहों में शौचालय नहीं बनने के कारण यहां की महिलाओं ने सरकार की शौचालय योजना का विरोध किया है। मेरे हिसाब से ओडीएफ उसी प्रखंड को माना जाता है जहां कोई भी खुले मे शौच ना जाए। हर घर में शौचालय हो। जोड़ापोखर पचायत के गुदड़ी हाटिग व तख्ता बाजार में एक भी शौचालय नहीं बना है। प्रखंड ओडीएफ कैसे हो सकता है? सरकार हम लोगों के साथ गेम खेल रही है।

फोटो-17-जितेंद्र गोप, समाजसेवी, झींकपानी। मेरे वार्ड में एक भी शौचालय नहीं बना है। खुले में शौच जाने से डर लगता है। कहीं कुछ अनहोनी ना घट जाए। रोशनी निकलने के बाद शौच के लिए काफी परेशानी होती है

-फोटो-16-सरिता गोप, वर्ड सदस्य।

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