गुड़ाबांदा में पन्ना खदान में एनएमडीसी और जेएमडीसी मिलकर करेंगी खनन Chaibasa News
सरकार ने पीएसयू के तहत दोनों के बीच एमओयू कराकर तेज की खनन प्रक्रिया दोनों सरकारी उपक्रमों के पदाधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा के बीच किया पन्ना खनिज का अध्ययन
चाईबासा (सुधीर पांडेय)। पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा में पन्ना खदान को नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएमडीसी) लिमिटेड और झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (जेएसएमडीसी) मिलकर चलाएंगी।
भारत सरकार की ओर से पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (पीएसयू) को पन्ना खदान को चलाने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत ही खान सचिव अबुबक्कर सिद्दीकी और खान निदेशक कुमारी अंजली के स्तर पर एनएमडीसी और जेएसएमडीसी को गुड़ाबांधा की बारुनमुति और बवाटिया खदान देने का फैसला लिया गया है। कोल्हान के खान उपनिदेशक संतोष कुमार ङ्क्षसह ने इन पन्ना खदानों की जियोलॉजिक सर्वे रपोर्ट दो साल पहले ही सरकार के पास जमा कर दी थी। मगर इंडियन ब्यूरो आफ माइंस (आइबीएम) द्वारा पन्ना खनिज का रेट फिक्स नहीं किया गया था। इस वजह से इस खदान की नीलामी नहीं हो पाई। बाद में इसे पीएसयू के तहत चलाने का निर्णय लिया गया।
इसी प्रक्रिया के तहत सोमवार को खान उपनिदेशक संतोष कुमार सिंह ने एनएमडीसी और जेएसएमडीसी रांची के वरीय पदाधिकारियों को पन्ना खदान स्थल से अवगत कराया। चूंकि यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित है इसलिए मोटरसाइकिल से ही सभी पदाधिकारी खदान को देखने पहुंचे। इस दौरान पुलिस की ओर से सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गयी थी। एनएमडीसी के भूतत्ववेता ने खदान का गहन निरीक्षण किया। पन्ना की गुणवत्ता भी देखी। थोलकोबेड़ा और बारुनमति से लगे 500 मीटर लंबे क्षेत्र का अध्ययन भी किया।
खान उपनिदेशक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि एनएमडीसी और जेएसएमडीसी के पदाधिकारियों ने गुड़ाबांधा की पन्ना खदान को देखा है। थोलकोबेड़ा और बारुनमति से पांच किलोमीटर दूर स्थित बवाटिया में भी पन्ना के भंडारण की जियोलाजिकल रिपोर्ट मेरे द्वारा तैयार की गई थी। इसका भी स्थल निरीक्षण दोनों सरकारी उपक्रमों ने किया है। एनएमडीसी यहां पन्ना खनिज की उपलब्धता से काफी संतुष्ट दिखी है। कंपनी को पन्ना खदान का कंपोजिट लाइसेंस दिया गया है। गुड़ाबांधा की पन्ना खदान के सरकार के निर्णय उपरांत अगले कुछ माह में खुलने की संभावना है।
गुड़ाबांधा नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यहां पर पन्ना खनिज का लंबे समय से अवैध खनन हो रहा है। सरकार अगर इसे जल्द चालू कर देती है तो आसपास के एक हजार से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। साथ ही अवैध खनन से होने वाले आर्थिक नुकसान को भी रोका जा सकेगा। यहां मैनुअल माइनिंग होगी।
संतोष कुमार सिंह, उपनिदेशक खान, चाईबासा।
स्थल निरीक्षण में शामिल पदाधिकारियों के नाम
एनएमडीसी - एजीएम जियोलाजी संतोष आनंद, मैनेजर जियोलाजी बनबिहारी महतो, डिप्टी मैनेजर अमलेंदु प्रकाश
जेएसएमडीसी - प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद कुमार कुमार
खान एवं भूतत्व विभाग - डिप्टी डायरेक्टर संतोष कुमार सिंह, जियोलाजिस्ट ज्योति शंकर सतपथी, निरल धान व सर्वेयर जयप्रकाश नारायण
उच्च क्वालिटी का है गुड़ाबांदा का पन्ना
माइन एंड जियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के उपनिदेशक संतोष कुमार ङ्क्षसह ने बताया की गुड़ाबांदा का पन्ना काफी अच्छी क्वालिटी का है। इस तरह की क्वालिटी कोलंबिया में पाये जाने वाले पन्ना के जैसी है। यहां से भेजी गई पन्ना भंडार की रिपोर्ट को टीएसआई एवं एमईसीएल ने भी सही बताया है।