मतदान से पूर्व रात में गांव पहुंचे नक्सली, तीन बोरा चावल लेकर चलते बने

सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की पूरी तैयारी सारंडा के बीहड़ों में थी और जिला मुख्यालय से मात्र 20 किलोमीटर दूर नक्सलियों ने अपनी हनक से वोट प्रतिशत को प्रभावित कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 08:43 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 06:18 AM (IST)
मतदान से पूर्व रात में गांव पहुंचे नक्सली, तीन बोरा चावल लेकर चलते बने
मतदान से पूर्व रात में गांव पहुंचे नक्सली, तीन बोरा चावल लेकर चलते बने

मो. तकी, चाईबासा : सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की पूरी तैयारी सारंडा के बीहड़ों में थी और जिला मुख्यालय से मात्र 20 किलोमीटर दूर नक्सलियों ने अपनी हनक से वोट प्रतिशत को प्रभावित कर दिया। चाईबासा विधानसभा के बड़ा बंकाऊ, छोटा बंकाऊ, मौदी, जोजोहातु, रेंगड़ा, रोआवली, सिगीजारी, आंगरबेड़ा समेत अन्य गांव में मतदान से पूर्व ही रात को नक्सलियों ने पहुंचकर वोट नहीं देने का अहवान ग्रामीणों से किया था। इसका असर मतदान के दिन जोजोहातु में देखने को मिला, जब निर्वाचन विभाग की ओर से मतदाताओं को लाने के लिए प्रशासन की गाड़ी जा रही थी तो उसे रोककर नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। पंडाबीर गांव में भी इसका असर देखने को मिला। नक्सलियों के डर से लोग मतदान करने ही नहीं निकले। गांव में एक बुजुर्ग मिले जो हंडिया दुकान में बैठे थे। उससे जब हो भाषा में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि जंगल के लोग शुक्रवार रात को पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर वोट नहीं देने के लिए कह कर गए थे। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि मौदी गांव से नक्सली शुक्रवार रात को तीन बोरा खाने के लिए चावल लेकर गए हैं, साथ ही बोल कर गए कि कोई भी वोट नहीं देगा। इसके बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं कुछ दिन पूर्व ही रोरो गांव समेत अन्य जगहों में पर्चा बांटकर भी वोट बहिष्कार के लिए कहा गया था। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल के आने से हम सभी का हौसला बढ़ा था, इसलिए कुछ मतदान भी हुआ। लेकिन पुलिस कितना सुरक्षा देगी, रात में जंगल वाले आते हैं और मारपीट करने लगते हैं। कभी उनकी संख्या 10-12 होती है तो कभी 50 से ज्यादा की संख्या में रहते हैं। जोजोहातु के मतदान केन्द्र में पड़ा मात्र 41 वोट

जोजोहातु, आंगरबेड़ा, सिगिजारी के लिए पहले जोजोहातु मध्य विद्यालय में मतदान केंद्र बनाया गया था, लेकिन खुफिया विभाग के अलर्ट के बाद इसे री-लोकेटेड करके जोजोहातु के दोनों बूथों को मध्य विद्यालय पंडाबीर में शिफ्ट कर दिया गया था। जोजोहातु के मतदान केन्द्र संख्या 84 में 767 मतदाता थे, सुबह-सुबह कुछ मतदाता मतदान करने पहुंचे जिसकी वजह से कुल 41 मत पड़ा। वहीं जोजोहातु के मतदान केंद्र संख्या 85 में 903 मतदाता थे जिसमें 270 के करीब मतदान को पहुंचे।

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मतदाता अंगुली पर नहीं लगाए स्याही

- मध्य विद्यालय पंडाबीर में बने री-लोकेटेड बूथ में जितने भी लोग मतदान के लिए पहुंचे, सभी ने मतदान कर्मियों से आग्रह किया कि वोट देने आए हैं लेकिन अंगुली में स्याही नहीं लगाएं नहीं तो रात में जंगल के लोग पहुंचकर जांच करेंगे तो परेशानी होगी। इसके बाद मतदाताओं को स्याही नहीं लगाई गई। जितने भी मतदाता पहुंचे उन्हें वोट देकर जाने दिया गया, किसी प्रकार की वोट का चिन्ह उनके अंगुली पर नहीं लगा।

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जोजोहातु जाने वाली सड़क पर पसरा रहा सन्नाटा

नक्सलियों द्वारा बस जलाए जाने की जानकारी पूरे क्षेत्र में फैल चुकी थी। वहीं सुरक्षा कर्मी भी जगह-जगह तैनात थे। घटना के बाद से किसी को उधर जाने नहीं दिया जा रहा था। पंडाबीर गांव के लोगों में चर्चा थी कि जोजोहातु समेत आंगरबेड़ा, सिगिझारी गांव को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले रखा है। जिसकी वजह से एक भी गांव के व्यक्ति निकल कर नहीं आए। घटना लगभग सुबह 8.30 बजे घटी थी इसके बाद तीन बजे तक नक्सली इन गांवों में जमे रहे।

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पैदल लौट रहे थे चालक गांव के एक व्यक्ति ने बाइक से पहुंचाया पंडाबीर

मतदाताओं को लाने के लिए जा रही पद्मावती सरस्वती जैन शिशु विद्या मंदिर चाईबासा के वाहन को नक्सलियों ने सड़क पर पेड़ काटकर पहले रोका। इसके बाद चालक डुबलिया कुदादा और उप चालक कोलाय सामाद को गाड़ी से उतरने को कहकर नाम पता पूछा तो दोनों ने हो भाषा में जवाब दिया तो उन्हें पैदल जाने के लिए नक्सलियों ने कहा। इसके बाद गाड़ी में आग लगा दिया। पैदल लौट रहे दोनों घटनास्थल से लगभग दो किलोमीटर चले थे तो पंडाबीर गांव काएक युवक बाइक लेकर जा रहा था। उसने उन दोनों को पंडाबीर मध्य विद्यालय में बने बूथ में छोड़ दिया।

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थमे रहे वाहनों के पहिये

बरकेला कलस्टर में तैनात बसों को दुर्गम क्षेत्रों में मौजूद मतदाताओं को लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारी की गई थी। जोजोहातु में मतदाताओं को लाने के लिए गए एक वाहन को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया, इसके बाद अन्य गांव में गए वाहन सूचना मिलते ही तत्काल लौटकर बरकेला कलस्टर पहुंच गए। इसके बाद तीन वाहन दिन भर वहीं खड़े रहे।

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