खर्च में कटौती, आमदनी बढ़ाने के फार्मूले पर चलेगा नगर परिषद

नगर परिषद चक्रधरपुर के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा के साथ गुरुवार को वार्ड पार्षदों की पहली बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 08:07 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 08:07 PM (IST)
खर्च में कटौती, आमदनी बढ़ाने के फार्मूले पर चलेगा नगर परिषद
खर्च में कटौती, आमदनी बढ़ाने के फार्मूले पर चलेगा नगर परिषद

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : नगर परिषद चक्रधरपुर के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा के साथ गुरुवार को वार्ड पार्षदों की पहली बैठक हुई। बैठक में पार्षदों ने साफ-सफाई और पेयजल की समस्याएं को प्रमुखता से रखा और उसके समाधान की मांग की। केडी साह की अध्यक्षता में करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में अनावश्यक खर्च में कटौती करने और आमदनी बढ़ाने पर जोर देने का निर्णय लिया गया। साफ-सफाई के मुद्दे पर बैठक में ही घिरे प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी ने जल्द ही समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि सिस्टम को दुरूस्त करना उनकी प्राथमिकता है। बैठक में समस्याओं पर चर्चा के दौरान आय व्यय की जानकारी ली गई। टैक्स वसूलने वाली एजेंसी ने बताया कि नगर परिषद् क्षेत्र में लगभग 567 घरों में पानी का कनेक्शन है, जबकि दो सौ के करीब ही टैक्स देते हैं। इसी तरह लगभग 6500 घर और इसमें भी बहुत से लोग होल्डिंग टैक्स जमा नहीं करते है। सिटी मैनेजर विमल विपिन टोप्पो ने जानकारी दी कि नगर परिषद् में मासिक खर्च करीब 14 लाख रुपये है, जबकि विभिन्न स्त्रोतों से लगभग छह से सात लाख रुपये की आमदनी होती है। कुल मिलाकर चक्रधरपुर नगर परिषद में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपये के बराबर है। कम आमदनी के कारण ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत वार्ड पार्षदों को करीब दो साल से मानदेय नहीं मिला है। समस्याएं सुनने के बाद प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी अभय झा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस कर्मचारी की आवश्यकता नहीं है या जो सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बारह का रास्ता दिखाया जाए। साथ ही वार्डो में कैंप लगाकर टैक्स की वसूली की जाए। बैठक में उपाध्यक्ष आनंद कसेरा, पार्षद सरोजा देवी, प्रीति होरो, जया दास, अंजू देवी, जेनीफर जबी, कुमारी रीना मुखी, शाहीन तबस्सुम, बदरून निशा, सरोज केसरा, निकू ¨सह, शंभू साव, सोमनाथ रजक आदि उपस्थित रहे।

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पार्षद की एनओसी से सफाई कर्मचारियों को मिलेगा वेतन

बैठक में वार्ड पार्षदों ने शिकायत की कि मुहल्लों में साफ-सफाई का काम पूरी तरह ठप है। जिससे कचरे का अंबार लगा हुआ है। लोग रोजाना शिकायत कर रहे हैं। वार्ड संख्या नौ के पार्षद राशिद अहमद अंसारी ने बैठक में बताया कि उनके वार्ड में चार-पांच महीने से सफाई नहीं हुई है। इसके अलावा पार्षद उपेंद्र रजक, सरोज कसेरा व विनय बर्मन ने भी सफाई नहीं होने की शिकायत की। कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि सफाई कार्य हमारी प्राथमिकता सूची में है। अब से संबंधित वार्ड में तैनात सफाईकर्मी के कार्य के बारे में पार्षद जब तक एनओसी नहीं देंगे, वेतन निर्गत नहीं होगा। सफाई कर्मचारी पूरी तरह से वार्ड पार्षद के नियंत्रण में रहेंगे।

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वार्ड 18, 19 व 6 में सबसे कम टैक्स

बैठक में अध्यक्ष केडी साह वार्ड संख्या 18,19 व 6 से कम टैक्स मिलने पर नाराज दिखे। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के पार्षदों से टैक्स वसूली में मदद की अपील की। कार्यपालक पदाधिकारी ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर हम सुविधा देंगे तो समय पर टैक्स भी लेंगे। टैक्स नहीं देने वालों की सूची तैयार कर पहले उन्हें दो नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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पार्षदों ने की जुस्को की शिकायत

पार्षदों ने शहरी जलापूर्ति योजना का काम करने वाली एजेंसी जुस्को की शिकायत की। कहा कि कार्य में घोर अनियमितता बरती जा रही है। पाइप लगाने में जेसीबी का उपयोग कर अच्छी सड़कों को तोड़ दिया जा रहा है। साथ ही कम गहराई में ही पाइप को लगाकर छोड़ रहे हैं। जुस्को ने कहा था कि टूटी सड़कों की मरम्मत करा देंगे, लेकिन नहीं कराया जा रहा है।

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बसंत और सनातन को मिली फटकार

पेयजल का काम देखने वाले बसंत साहू और सफाई निरीक्षक सनातन मुखी को बैठक के दौरान फटकार लगाई गई। पार्षद दिनेश जेना ने शिकायत की कि थाना रोड में नालियां जाम और नाली का गंदा पानी पाइप से लोगों के घरों में प्रवेश कर रहा है। इस पर दोनों को फटकार लगाते हुए इसी महीने नाली की सफाई करने और सभी घरों में पेयजल आपूर्ति कराने का निर्देश दिया गया।

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थोक के भाव में बहाल है कर्मचारी

हाल के कुछ महीनों में नगर परिषद में थोक के भाव में कर्मचारियों की बहाली कांट्रेक्ट के आधार पर कर दी गई है। जिस कारण खर्च बढ़ गया है। नियम कानून को ताक पर रख किए गए बहाली को लेकर भी नगर परिषद् कई बार सुर्खियों में रहा है। आए दिन कार्यालय में नए कर्मचारी देखे जाते हैं। कई ऐसे भी कर्मचारी बहाल हैं, जो केवल मानदेय उठाकर नगर परिषद् का खर्च बढ़ा रहे हैं, जबकि कार्यालय में उनका दर्शन ही नहीं होता है।

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