मातृभाषा से ही विकास, भाषा का होगा प्रचार-प्रसार

टोटेमिक कुड़मी समाज की ओर से गुरुवार को शहीद निर्मल महतो कुड़मी भवन राखा में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 08:06 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 08:06 PM (IST)
मातृभाषा से ही विकास, भाषा का होगा प्रचार-प्रसार
मातृभाषा से ही विकास, भाषा का होगा प्रचार-प्रसार

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : टोटेमिक कुड़मी समाज की ओर से गुरुवार को शहीद निर्मल महतो कुड़मी भवन राखा में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस दौरान भाषाविद् लक्ष्मीकांत मुत्रीआर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। मातृभाषा कुड़माली के प्रचार-प्रसार करने का निर्णय लिया गया। भविष्य में प्रत्येक गांव व शहर में मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए बड़े, बुजुर्ग, बुद्धिजीवी तथा भाषा के जानकार लोगों से संपर्क करने की बात कही गई। मौके पर कुड़माली भाषा के साहित्यकार शंकर लाल महतो ने कहा कि भाषा ही एक बुनियाद है जो इंसान को अपनी पहचान दिला सकता है। भाषा नहीं बचेगा तो अपनी पहचान नहीं बचेगी। इसलिए प्रत्येक स्कूल, कॉलेज में भाषा की पढ़ाई अनिवार्य की जाएगी। इसकी रणनीति तैयार की जा रही है। समाजसेवी नरेंद्र महतो ने कहा कि कुड़माली भाषा का प्रचार जोर-शोर से आरंभ हो गया है। सरकार से मांग है कि प्रत्येक स्कूल व कॉलेज में पद सृजन कराए, ताकि इस भाषा में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी को स्थायी रोजगार प्राप्त हो सके। इस दौरान कुड़मालि भाषा विकास परिषद के अध्यक्ष गणेश्वर महतो, दिनेश महतो, अंगद महतो, नकुल महतो, तुलसी महतो, गुलशन महतो, संजीव महतो, तरूण महतो समेत काफी संख्या में विद्यार्थी व बुद्धिजीवी मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी